E-cigarettes and E-hookah banned: मोदी सरकार ने ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर बुधवार (18 सितंबर 2019) को बैन लगा दिया। कानून तोड़ने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद इसका एलान किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि तत्काल प्रभाव से ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर सरकार ने बैन लगा दिया है।
उन्होंने कहा ‘ई-सिगरेट से संबंधित उत्पादन, निर्माण, आयात-निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया गया है। इस संबंध में एक अध्यादेश लाया जाएगा। इस समय देश में 150 से ज्यादा अलग-अलग ‘फ्लेवर’ में ई-सिगरेट बेची जा रही हैं। हालांकि भारत में इनका निर्माण नहीं होता लेकिन यह आयात की जाती हैं। करीब 400 ई-सिगरेट ब्रैंड भारत में बेचे जा रहे हैं। इनकी वजह से स्मोकर के शरीर में भारी मात्रा में निकोटीन जमा होता है।’
वित्त मंत्री ने इस फैसले के पीछे यूथ के स्वास्थ्य पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को इसकी वजह बताया। उन्होंने कहा कि ‘तंबाकू की लत, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और अन्य वेपिंग उपकरण यूथ के लिए एक बड़ी समस्या बन गए हैं। बच्चे भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं हैं और उनके स्वास्थ्य पर भी इसका बूरा असर पड़ रहा है।’
वहीं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव प्रीति सुदान ने कहा ‘नियम का पहली बार उल्लंघन करने पर एक साल तक की जेल या फिर एक लाख रुपए तक का जुर्माना या फिर दोनों लगेंगे। वहीं दोबार उल्लंघन पर तीन साल की जेल और 5 लाख का जुर्माना या फिर दोनों भुगतना पड़ेगा। सिर्फ भंडारण संज्ञेय अपराध नहीं होगा, ई-सिगरेट से जुड़ी अन्य सभी गतिविधियां संज्ञेय अपराध होंगी।’
प्रेस कॉनफ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि लोगों में एक नई तल पड़ रही है जिसे इस वक्त पर रोकना बेहद जरूरी है। यूथ और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर किसी भी तरह का रिस्क नहीं लिया जाना चाहिए।