मोदी सरकार के दूसरे कैबिनेट विस्तार में 19 नए मंत्री शामिल किए गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने काफी विचार-विमर्श के बाद इनका चयन किया है। इसमें जाति, शिक्षा और अन्य सभी मानकों को ध्यान में रखा गया है। इन 19 में अलग-अलग पेशे के लोग शामिल हैं। प्रकाश जावड़ेकर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
पीपी चौधरी (सीनियर एडवोकेट)
चौधरी राजस्थान के पाली से सांसद हैं। वे पहली बार संसद पहुंचे हैं। पीपी चौधरी लोकसभा में काफी सक्रिय रहे हैं। दो साल में उन्होंने रिकॉर्ड 398 सवाल पूछे हैं और इसके लिए उन्हें सांसद रत्न सम्मान भी मिल चुका है। चौधरी लाभ के पद पर गठित संयुक्त संसदीय कमेटी के प्रमुख भी हैं।
सुभाष राम भामरे (मशहूर डॉक्टर)
भामरे महाराष्ट्र से आते हैं और वे कैंसर विशेषज्ञ हैं। वे धुले से सांसद हैं।
एम.जे.अकबर
अकबर को मध्य प्रदेश से राज्य सभा सांसद चुना गया है। वे लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। पहले वे कांग्रेस के साथ भी जुड़े हुए थे।
अर्जुन राम मेघवाल (राजस्थान के पूर्व नौकरशाह)
मेघवाल आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। वे बीकानेर से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। दलित समुदाय से आने वाले मेघवाल वर्तमान में लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक हैं।
अनिल माधव दवे (लेखक)
दवे मध्य प्रदेश से राज्य सभा सांसद हैं। वे आरएसएस से जुड़े हुए हैं। वे कई किताबें लिख चुके हैं और नर्मदा बचाओ अभियान से भी जुड़े हुए हैं।
रमेश चंदपा जिगाजिनगी
रमेश कर्नाटक से सांसद हैं और वहां पर गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। वे पांच बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं।
पुरुषोत्तम रुपाला (गुजरात के पूर्व मंत्री)
रुपाला राज्य सभा से सांसद हैं। वे पटले समुदाय से आते हैं। गुजरात में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए उन्हें जगह दी जा रही है। पटेल समुदाय में उनकी अच्छी पकड़ है।
जसवंत सिंह भाभोर (गुजरात के आदिवासी नेता)
जसंवत सिंह गुजरात के दाहोद से सांसद हैं। उन्हें भी गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र में लाया जा रहा है।
राजन गोहेन (असम से सांसद)
राजन 1999 से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। सर्वानंद सोनोवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद असम से मंत्रिमंडल का कोटा खाली था।
महेंद्र नाथ पांडे (यूपी के चंदौली से सांसद)
पांडे लोकसभा में सांसद हैं। यूपी चुनावों को नजर में रखते हुए उन्हें ब्राह्मण चेहरे के रूप में सरकार में शामिल किया गया है। उनके पास पीएचडी की डिग्री भी है।
फग्गन कुलस्ते (मध्य प्रदेश से सांसद)
उनका नाम कैश फॉर वोट मामले में भी आ चुका है। हालांकि बाद में वे बरी हो गए थे। वे वाजपेयी सरकार में आदिवासी मंत्रालय संभाल चुके हैं। कुलस्ते छह बार सांसद और एक बार विधायक भी रह चुके हैं।
विजय गोयल
विजय गोयल दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वे चार बार सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में वे राजस्थान से राज्य सभा सांसद हैं। युवा और खेल मामलों के मंत्री रह चुके हैं।
अनुप्रिया सिंह पटेल
अनुप्रिया पटेल को ओबीसी चेहरे के रूप में मंत्रिमंडल में जगह दी जा रही है। एमबीए पास अनुप्रिया के पास संगठन में काम करने का अच्छा अनुभव है। भाजपा को उम्मीद है कि उन्हें मंत्री बनाए जाने से कुर्मी समुदाय विधानसभा चुनावों में उसे वोट करेगा।
मनसुख मंडाविया(गुजरात से सांसद)
मंडाविया गुजरात से राज्य सभा सांसद हैं। वे गुजरात में कृषि क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं ।
सीआर चौधरी (राजस्थान के नागौर से सांसद)
चौधरी प्रशासनिक सेवाओं में रह चुके हैं। वे पहली बार सांसद चुने गए हैं। सांवरलाल जाट को हटाए जाने के बाद जाट समाज के प्रतिनिधि के रूप में उन्हें शामिल किया गया है। वे बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से ग्रामीण विकास की पढ़ाई कर चुके हैं।
अजय टमटा(उत्तराखंड से दलित सासंद)
उत्तराखंड में भी अगले साल चुनाव हैं। वहां से भी मोदी मंत्रिमंडल में कोई मंत्री नहीं था। इसके चलते टमटा को शामिल किया गया।
रामदास अठावले
अठावले दलित नेता हैं। उनकी पार्टी आरपीआई महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी है। अठावले के जरिए भी भाजपा दलितों को संदेश देना चाहती हैं।
कृष्णा राज
कृष्णा राज यूपी से आती हैं। वे दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं। भाजपा को उम्मीद है कि कृष्णा को मंत्री बनाए जाने से पासी समाज उसके साथ आएगा।
एसएस आहलुवालिया
अहलुवालिया तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। वे पहले भी मंत्री रह चुके हैं। सिख समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में उन्हें शामिल किया गया है। मोदी सरकार में वे इकलौते सरदार हैं।