पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। तनाव के बीच भारत कल राष्ट्रव्यापी सुरक्षा अभ्यास के लिए तैयार है। देशभर के 244 जिलों में बुधवार को युद्ध के हालातों को देखते हुए मॉक ड्रिल की जाएगी। इस बीच लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। मॉक ड्रिल को लेकर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने लोगों को बताया कि यह किस प्रकार से होता है।
मॉक ड्रिल को लेकर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा, “पहले सीमावर्ती क्षेत्रों में इस तरह की मॉक ड्रिल बहुत आम बात थी। 1971 के युद्ध के दौरान मैं अमृतसर में एक युवा छात्र था। हमने ये सभी मॉक ड्रिल कीं। मैं तब फिरोजपुर में पढ़ रहा था, जहां ये मॉक ड्रिल हुआ करती थीं। यह सिर्फ नागरिकों के लाभ के लिए है और उन्हें जागरूक करने के लिए है कि अगर कोई कार्रवाई की जाती है, तो वे खुद को बचा सकते हैं।”
पाकिस्तान के पास हर घर पर हमला करने के पैसे नहीं- केजेएस ढिल्लों
केजेएस ढिल्लों ने आगे कहा, “घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान हर घर पर हमला करेगा, उसके पास इसके लिए पैसे या गोला-बारूद नहीं है। आराम से इसका अभ्यास करें। जहां तक ब्लैकआउट की बात है, आपको बस अपनी खिड़कियों पर काली चादरें डालनी हैं और काले पर्दे लगाने हैं। ताकि अगर अंदर थोड़ी भी रोशनी हो, तो ऊपर उड़ रहे विमान उसे न देख सकें। यह एक नियमित बात है, यह एक सामान्य बात है। अधिकारियों के साथ सहयोग करें और अगर आप इन अभ्यासों का सही तरीके से पालन करते हैं तो किसी भी नागरिक को कुछ नहीं होने वाला है।”
Mock Drill: ब्लैक आउट के दौरान क्या कार और घर की लाइटें भी करनी होंगी बंद?
मॉक ड्रिल में ब्लैक आउट भी किया जाएगा। बता दें कि रात के समय दुश्मन के हवाई हमले के दौरान ब्लैक आउट किया जाता है। उसी को ध्यान में रखते हुए ब्लैक आउट किया जाएगा। इसके जरिए नुकसान को सीमित करने का प्रयास किया जाता है।
जानें क्यों बजाया जाता है रेड सायरन
बता दें कि दुश्मन के हमले की संभावित जगहों पर कुछ सेकंड पहले एयर रेड सायरन बजाता है और लोगों को छिपने के लिए अलर्ट किया जाता है। युद्ध की स्थिति में दुश्मन जब बड़े शहरों को निशाना बनाता है या हवाई हमला करता है तो हमारे पास बचने के लिए कई तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं। जहां एयर रेट साइन और सुनते ही लोग बचाव के लिए भाग सकते हैं। बड़े शहरों में एयर सायरन रेड अलर्ट मिलते ही लोग भीड़भाड़ वाली जगह से तुरंत सबवे या अंडर-पास में जाकर छुप सकते हैं।