दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) हरियाणा की सरकार में भागीदार है। वो खुद सूबे के डिप्टी सीएम हैं। उनकी ही पुलिस ने अंबाला के शाहाबाद में सड़क पर उतरे किसानों पर लाठीचार्ज किया था। दुष्यंत ने फिलहाल पुलिस के उस कदम पर कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन उनके एक विधायक ने शुगरफेड के चेरयमैन की पोस्ट छोड़ दी है। उनका कहना है कि पुलिस का वो बर्ताव वहशियाना था।

जजपा के विधायक राम करण काला ने कहा कि वह सूरजमुखी के बीजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग के साथ कुछ दिन पहले एक राजमार्ग को अवरुद्ध करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में हरियाणा शुगरफेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका अपने शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के किसानों से पुराना नाता रहा है। पुलिस की कार्रवाई खुद उन पर हमले जैसी थी।

सूरजमुखी के बीज MSP पर खरीदने की मांग कर रहे थे किसान

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने मंगलवार को शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को छह घंटे से अधिक समय तक जाम रखा था। सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सूरजमुखी के बीज खरीदने की मांग की थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल कर लाठीचार्ज किया। पुलिस ने इसके बाद चढूनी समेत नौ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था।

विधायक बोले- सीएम किसानों से बातचीत करनी चाहिए थी

शाहाबाद में आज काला ने कहा कि किसी संघ के अध्यक्ष पद पर बने रहने के बजाय उनका किसानों से नाता अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने मांग की कि सभी गिरफ्तार किसानों को तत्काल रिहा किया जाए। जजपा विधायक ने कहा कि उन्होंने तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर सूरजमुखी के बीजों की खरीद समेत किसानों के लंबित मुद्दों को सुलझाने का अनुरोध किया था। लेकिन सीएम ने उनसे हमेशा कहा कि इस मुद्दे के समाधान के लिए एक समिति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों से बात करके समाधान निकालना चाहिए था। लेकिन मुख्यमंत्री ने हालात से निपटने के लिए पुलिस कार्रवाई को प्राथमिकता दी। उन्हें ये कदम सरासर गलत लगा। तभी इस्तीफा दे दिया।