कर्नाटक के यादगीर जिले में एक महिला को पुरुषों के एक गिरोह द्वारा नग्न करके पीटे जाने का एक वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने सोमवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों की पहचान ऑटोरिक्शा चालक निंगाराजू (24), अयप्पा (23), भीमाशंकर (28) और शरणु (22) के रूप में हुई है। अयप्पा पेट्रोल पंप पर काम करता है, भीमाशंकर पान की दुकान लगाता है और शरणु रेहड़ी-पटरी लगाता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि निंगाराजू ने शाहपुरा पुलिस स्टेशन में होमगार्ड और ड्राइवर के रूप में भी काम किया है।
महिला ने शिकायत दर्ज की है जिसके मुताबिक पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (बी), 366, 394, 376 (डी), 504, 506 और एससी/एसटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक सीबी वेदामूर्ति ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह घटना एक साल पहले की है। उन्होंने कहा, “यह घटना यादगीर-शाहपुर राज्य राजमार्ग पर साल भर पहले हुई थी। इलाका शहर के बाहरी हिस्से में पड़ता है।”
वीडियो वायरल होने के बाद ही यह बात सामने आई क्योंकि महिला ने पहले शिकायत दर्ज नहीं की थी। पुलिस ने बताया, “प्रारंभिक जांच से पता चला है कि महिला बस स्टॉप पर इंतजार कर रही थी जब गिरोह ने उसका अपहरण कर लिया और उसके साथ मारपीट की।’
दो मिनट के वीडियो में चार से पांच लोगों को गन्ने के डंडों से महिला को बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है। महिला को एक फोटो भी दिखाई जाती है और पूछा जाता है कि क्या यह उसकी है। वह उनसे उसे अकेला छोड़ने के लिए भीख माँगती है, लेकिन वे कहते हैं कि अगर वे उसे मारकर जला भी दें तो किसी को पता नहीं चलेगा।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, महिला और आरोपी परिचित थे और हमला बदला लेने के लिए किया गया था। जबकि पुलिस ने दावा किया कि उन्हें उस घटना के बारे में पता नहीं था जिसके कारण हमला हुआ। वीडियो में एक हमलावर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसने एक पुलिस स्टेशन में महिला को 13,000 रुपये दिए थे और उससे 14,000 रुपये वापस करने को कहा था।
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करने वाले पुलिस अधिकारी ने कहा, “महिला ने पहले पुलिस से संपर्क किया था और शिकायत दर्ज की थी। बाद में महिला और आरोपियों के बीच समझौता हो गया था और आरोपियों ने दावा किया कि शिकायत वापिस लेने के लिए उन्होंने महिला को 13,000 रुपये दिए थे।’