हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को चार साल से अधिक समय से नजरबंद किया गया था। आज उनको रिहा कर दिया गया। उसके बाद उन्होंने श्रीनगर की जामा मस्जिद में जाकर शुक्रवार की नमाज अदा की। उमर फारूक की नजरबंदी चार साल बाद शुक्रवार को हटा दी गई और उन्हें रिहा कर दिया गया। फारूक को अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान रद्द किए जाने के मद्देनजर नजरबंद किया गया था।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि मीरवाइज को स्वतंत्र रूप से घूमने, लोगों के साथ बातचीत करने की अनुमति दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मैं मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंदी से रिहा करने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम का स्वागत करता हूं। मुझे उम्मीद है कि वो उन्हें स्वतंत्र रूप से घूमने, लोगों के साथ बातचीत करने और अपनी सामाजिक व धार्मिक जिम्मेदारियों को फिर से शुरू करने की अनुमति देंगे। आज कश्मीर में नजरें मीरवाइज पर होंगी, क्योंकि वो 2019 के बाद पहली बार जामिया मस्जिद में अपना संदेश देंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी मीरवाइज की रिहाई का स्वागत किया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख ने कहा कि हिरासत में लिए जाने के बारे में एलजी प्रशासन के वर्षों के इनकार के बाद आखिरकार मीरवाइज उमर फारूक को रिहा किया गया। एक धार्मिक प्रमुख के रूप में उन्हें पूरे जम्मू और कश्मीर के मुसलमानों द्वारा उच्च सम्मान दिया जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी रिहाई का श्रेय लेने के लिए भाजपा के विभिन्न राजनीतिक संगठनों के बीच पहले ही खींचतान शुरू हो गई है।
Amid tears @MirwaizKashmir takes to Pulpit of Jama Masjid Srinagar after 4 Years of House Detention. pic.twitter.com/52xOWC1FGa
— Mirwaiz Manzil (@mirwaizmanzil) September 22, 2023
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी ने नजरबंद किए गए सभी मौलवियों की रिहाई की मांग की। पार्टी ने कहा कि आज सरकार ने मीरवाइज उमर फारूक को श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में सामूहिक नमाज का नेतृत्व करने की अनुमति देने का फैसला किया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है और हम बार-बार मौलवियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।