भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक नाबालिग का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस से 12 मई तक स्थिति रिपोर्ट मांगी थी।

अदालत ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। याचिका में अनुरोध किया गया है कि जांच की निगरानी की जाए और कथित पीड़ितों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज कराए जाएं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नाबालिग महिला पहलवान का बयान दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया है।

शेष छह महिला पहलवानों के बयान भी जल्दी ही मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए जाएंगे। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किए जाने से संबंधित है। पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत नाबालिग शिकायतकर्ता सहित सभी सात महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए हैं। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 पुलिस द्वारा गवाहों की जांच से जुड़ी है।

मानवाधिकार आयोग ने कुश्ती महासंघ और खेल मंत्रालय को भेजा नोटिस

भारतीय कुश्ती महासंघ में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए आंतरिक शिकायत समिति नहीं होने की मीडिया में आई खबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने केंद्रीय युवा एवं खेल मामलों के सचिव, भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय कुश्ती महासंघ और बीसीसीआइ सहित कई खेल संस्थाओं को नोटिस जारी किया है। सभी से चार हफ्ते के भीतर इस मुद्दे पर विस्तृत विवरण आयोग को देने को कहा गया है।

मीडिया की खबर में चार मई को बताया गया था कि कुश्ती महासंघ सहित पांच खेल संघों में कोई भी आंतरिक शिकायत समिति नहीं है। चार के पास समिति लायक सदस्य नहीं हैं तो कुछ खेल संघों में कानूनन जरूरी बाहरी सदस्यों का अभाव है। एक खेल संघ में समितियां तो दो हैं पर स्वतंत्र सदस्य इनमें एक भी नहीं।

आयोग मानता है कि यौन उत्पीड़न निरोधक कानून 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति होना लाजिमी है। देश के 30 में से 15 राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा इस कानून का पालन न किए जाने पर आयोग ने चिंता जताई है।आयोग ने खेल संघों, खेल प्राधिकरण और खेल मंत्रालय से यह भी बताने को कहा है कि इस समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाए हैं और क्या उठाने का उनका प्रस्ताव है।