सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में सांसदों के ऑफिस के निर्माण के लिए लुटियंस दिल्ली में सबसे पहले श्रम शक्ति भवन और परिवहन भवन को ढ़हाया जाएगा। यह जानकारी इस महत्वाकांक्षी परियोजना का मास्टर प्लान तैयार करने वाली एचसीपी डिज़ाइन प्लानिंग एंड मैनजमेंट प्रा लि की तरफ से दी गयी है। मास्टर प्लान के अनुसार संसद भवन को सुरंग के द्वारा सांसदों के चैंबर से जोड़ा जाएगा।
एचसीपी के अधिकारियों ने बताया कि इन इमारतों के ध्वस्त होने के बाद यहां मौजूद मंत्रालयों और उनके कार्यालयों को अस्थायी रूप से गोल मार्केट , के जी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू के पास शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि शिफ्टिंग का काम 2021 के अंत तक होगा। इस दौरान यहां काम करने वाले कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर बनाई जाने वाली इमारतों में काम करना होगा। 2023 तक राजपथ के आस पास करीब 10 ब्लाक बन कर तैयार हो जायेंगे जिसके बाद अस्थायी तौर पर शिफ्ट किये गए कार्यालयों को यहां भेज दिया जाएगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार कई अन्य इमारतों को चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा। जिसमें शास्त्री भवन, उद्योग भवन , निर्माण भवन , कृषि भवन समेत कई इमारत शामिल हैं। साथ ही सबसे आखिर में स्टेट ऑफ आर्ट कहे जाने वाले जवाहर लाल नेहरु भवन को भी ढ़हाया जाएगा। इस बेहद ही खूबसूरत इमारत का निर्माण दस साल पहले ही किया गया था।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव के अनुसार प्रधानमंत्री के नए आवासीय कॉम्प्लेक्स में चार मंजिल वाली 10 इमारतें होगी। प्रधानमन्त्री के नए आवास को करीब 15 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के अनुसार नए संसद भवन में समितियों के छह कमरे होंगे जहाँ पर कामकाज होगा। इसके अलावा नए भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।
ज्ञात हो कि बीते 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन के नए इमारत की आधारशिला रखी थी। हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह आश्वासन दिया हुआ है कि जब तक दायर हुई याचिकाओं पर कोई भी फैसला नहीं आ जाता है तब तक इस क्षेत्र में कोई तोड़ फोड़ या निर्माण नहीं किया जाएगा।

