विदेश में भारत के 279 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हैं। इनमें से सबसे अधिक 255 संक्रमित भारतीय ईरान में हैं। इसके अलावा यूएई में 12 और इटली में पांच भारतीय इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हैं। यह जानकारी सरकार ने बुधवार को लोकसभा में दी।
एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि विदेश में कोरोनावायरस से संक्रमित भारतीयों की संख्या 276 है। इसमें से ईरान में 255 यूएई में 12, इटली में पांच, और हॉन्गकॉन्ग, कुवैत, रवांडा और श्रीलंका में एक-एक भारतीय शामिल है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सोमवार को ईरान से अपने 53 नागरिकों का चौथा जत्था भारत पहुंचा। इस तरह कोरोनावायरस से प्रभावित देश से 389 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
मालूम हो कि ईरान उन देशों में शामिल है जो कोरोनावायरस से बुरी तरह से प्रभावित हैं। ऐसे में भारत सरकार वहां पहुंचे भारतीयों को निकालने में जुटी हुई है। ईरान में कोरोनावायरस के कारण 700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 14000 से अधिक लोगों में इस संक्रमण होने का पता चला है।
इससे पहले लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इटली, ईरान, फिलीपीन और मलेशिया में फंसे सैंकड़ों भारतीयों को वहां से निकालने के लिए सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर सरकार की ओर से सदन में वक्तव्य दिया जाएगा।
आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के चलते प्रभावित देशों से विमानों की आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण हजारों भारतीय विशेष रूप से छात्र इटली, ईरान, मलेशिया और फिलीपीन में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए संबंधित देशों में विशेष विमान भेजने चाहिए।
कांग्रेस के ए चेल्लाकुमार ने इसी मुद्दे को उठाते हुए कहा कि आज भी मलेशिया में 300 छात्र फंसे हैं, फिलीपीन में भी भारतीय लोग फंसे हैं और उन देशों की सरकारों ने उन लोगों को निकालने के लिए 72 घंटे की समय सीमा दी है जो जल्द खत्म हो जाएगी। ये लोग वहां बिना भोजन-पानी के रह रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की।
