देश में प्याज की कीमतें आसमान छूने लगीं हैं। आनन-फानन में खाद्य-आपूर्ति मंत्री को इस पर तत्काल बैठक करनी पड़ गई। हालांकि, जब खाद्य आपूर्ति मंत्री ने प्याज की कीमतों पर बैठक बुलाई तब वे स्वस्थ नहीं थे, बल्कि उनका पैर फ्रैक्चर हो गया था। ऐसी स्थिति में उन्हें हालात से वाकिफ कराने के लिए अफसरों को उनके घर जाकर अपडेट देनी पड़ी। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के ‘डेल्ही कॉन्फिडेंशल’ में छपे एक कॉलम में बताया गया है कि केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान घर से ही मंत्रालय का कामकाज देख रहे हैं। क्योंकि, झठ पूजा के दौरान उनका उनका पैर फ्रैक्टर हो गया था।

पासवान मंत्रालय से संबंधित तमाम कामकाज अपने आवास से देख रहे हैं और अधिकारी हर अपडेट उन तक पहुंचा रहे हैं। प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर भी अधिकारी उनके घर पहुंचे और मौजूदा स्थिति से उन्हें वाकिफ कराया। गौरतलब है कि प्याज की कीमतें देश में कई जगहों पर 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी हैं। लिहाजा, इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने आयात को हरी झंडी दी है और प्याज की पहली खेफ भी पहुंच गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्याज की किल्लत दूर करने के लिए सरकार ने भारी मात्रा में इसके आयात की हरी झंडी दी है और इसमें से 2,500 टन पहले ही भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुका है। प्याज की पहली खेप मिस्र और नीदरलैंड से आई है। जबकि, तकरीबन 3000 टन प्याज अभी लाई जा रही है। जानकारी के मुताबिक देश में प्याज की किलल्त के पीछे इसकी कम पैदावार है। बेमौसम बारिश की वजह से प्याज की खेती प्रभावित हुई थी।

केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, “अक्टूबर महीने से हमने सभी राज्यों को जरूरत के हिसाब से प्याज का बफर स्टॉक दे दिया है। लेकिन, हमारे बफर स्टॉक में तकरीबन 1557 मीट्रिक टन प्याज है।” पासवान ने बताया कि काफी समय से प्याज को रखने से भारी मात्रा में सड़ भी गए हैं। उन्होंने कहा कि प्याज रखने की सरकार ने एक लिमिट तय कर दी है। जरूरत से ज्यादा स्टॉक रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।