केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पोषण अभियान के तहत दालों की खरीद भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ-NAFED से करने के लिए एक पत्र लिखा था। पश्चिम बंगाल और यूपी सहित कम से कम तीन एनडीए शासित राज्यों ने इस  प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और पंजाब ने प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा है।

28 मार्च को राज्यों को लिखे पत्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि राज्य भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ-NAFED के माध्यम से भारत सरकार द्वारा रखे जा रहे बफर स्टॉक से दालों की खरीद कर सकते हैं, इससे हमारी अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचेगा 

शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्राची पांडे द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में भी 3 अप्रैल तक चना दाल की अपनी आवश्यकता बताए जाने का अनुरोध किया गया है। इस मामले को लेकर इंडियन एक्सप्रेस ने उनसे बात करने के प्रयास किए लेकिन उन्होने कमेन्ट करने से इंकार कर दिया। 

21 दिसंबर 2022 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए डिटेल्ड दिशा-निर्देशों में नैफेड से दालों की खरीद पर चुप्पी साधी गई थी। दिशा निर्देशों में खरीद को लेकर कई आदेश दिए गए हैं जिनमें खुले सामान की खरीद को लेकर सख्ती की बात कही गयी है।

पोषण जिसे पहले मिड-डे मील कहा जाता था। इस योजना को सितंबर 2021 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। इसने 2021-22 से 2025-26 तक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में एक गर्म पका हुआ भोजन प्रदान किया। एक केंद्र प्रायोजित योजना जिसके तहत लगभग 11.80 करोड़ बच्चे शामिल हैं। 2021-22 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए केंद्र द्वारा वित्तीय परिव्यय 54,061.73 करोड़ रुपये और राज्यों से 31,733.17 करोड़ रुपये अनुमानित है। केंद्र खाद्यान्न पर लगभग 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत भी वहन करेगा।