फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना सेना संजय राउत के बीच जारी जुबानी जंग के चलते केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कंगना को Y+ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। हिमाचल प्रदेश सरकार की सलाह पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कंगना को सुरक्षा दी है।

सुरक्षा मिलने पर कंगना रनौत ने खुशी जाहिर की है। कंगना ने ट्वीट कर लिखा कि “ये प्रमाण है कि अब किसी देशभक्त आवाज को कोई फासीवादी नहीं कुचल सकेगा, मैं अमित शाह जी की आभारी हूं वो चाहते तो हालातों के चलते मुझे कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते मगर उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद।”

दरअसल कंगना रनौत ने बीते दिनों मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कर दी थी। पुलिस पर निशाना साधते हुए कंगना ने कहा था कि ‘एक प्रमुख स्टार की मौत के बाद मैंने ड्रग और मूवी माफिया रैकेट की बात कही थी। मैं मुंबई पुलिस पर विश्वास नहीं करती क्योंकि उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की शिकायतों को अनदेखा किया।’

जिस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया कि पुलिस को बदनाम करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। राउत ने कंगना को पीओके जाने की भी सलाह दी थी। इसके बाद कंगना ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ‘किसी के बाप का नहीं है महाराष्ट्र, महाराष्ट्र उसी का है, जिसने मराठी गौरव को प्रतिष्ठित किया है और मैं डंके की चोट पे कहती हूं कि हां मैं मराठा हूं, उखाड़ो मेरा क्या उखाड़ोगे?’

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी अपने एक बयान में कहा था कि कंगना यदि मुंबई में असुरक्षित महसूस करती हैं तो उन्हें यहां रुकने का कोई अधिकार नहीं है। कंगना ने भी बढ़ते विरोध के बीच 9 सितंबर को मुंबई पहुंचने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘कई लोग मुझे मुंबई वापस नहीं आने को लेकर धमकी दे रहे हैं, इसलिए मैंने अब आने वाले सप्ताह में 9 सितंबर को मुंबई की यात्रा करने का फैसला किया है। मैं वह टाइम पोस्ट करूंगी जब मैं मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड करूंगी। किसी के बाप में हिम्मत हो तो रोक ले।’

 

बता दें कि व्यक्ति विशेष की जान के खतरे को देखते हुए पुलिस और स्थानीय सरकार उन्हें सुरक्षा देते हैं। खतरे की गंभीरता के आधार पर सुरक्षा को चार स्तर में बांटा गया है। जिनमें सबसे ऊपर Z+ सिक्योरिटी है। उसके बाद Z, Y, और X का नंबर आता है।

केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज, बड़े राजनेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को सरकार की तरफ से सुरक्षा दी जाती है। जिसमें Z+ कैटेगरी के तहत 36 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। Z कैटेगरी में 22 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा देते हैं। Y कैटेगरी में 11 और X में दो सुरक्षाकर्मी सुरक्षा प्रदान करते हैं।

एसपीजी, एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ जैसे बल वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं।