यूपी के मेरठ में शनिवार को बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने गई दो लोगों की टीम के साथ स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर मारपीट और दुर्व्यवहार किया। पुलिस के मुताबिक पांच लोगों ने एक महिला समेत दो सदस्यीय पल्स पोलियो टीम के साथ कथित तौर पर मारपीट और दुर्व्यवहार किया और उन्हें लगभग एक घंटे तक बंदी बनाकर रखा। मारपीट करने वालों का आरोप था कि दोनों कर्मचारी एनआरसी के लिए डेटा एकत्र कर रहे थे।

पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ दर्ज किया केस: पुलिस ने कहा कि दोनों लोग बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने गए थे। जब वे अली बाग कॉलोनी पहुंचे तो उन्हें कुछ लोगों ने रोक लिया। उन्होंने सबसे पहले उनके ठिकाने के बारे में पूछा और आरोप लगाया कि वे लोग एनआरसी के लिए डेटा एकत्र रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आईपीसी की धारा 354, 342 और 390 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। कहा, “हमने पांच व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इनमें दो नामजद हैं। पांचों आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।”

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कई वर्षों से चल रहा है पोलियो की खुराक पिलाने का कार्यक्रम: पोलियो की खुराक पिलाने का कार्यक्रम पूरे देश में कई वर्षों से चल रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पांच वर्ष तक के बच्चों को घर-घर जाकर खुराक पिलाते हैं। देश से पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए इस तरह का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हर साल करोड़ों बच्चों को दवा पिलाई जाती है।

सीएए और एनआरसी के लिए हो रहा है विरोध: गौरतलब है कि सरकार ने जब से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) शुरू करने की बात कही है, तब से देश के काफी लोग इसके विरोध में आ गए हैं। वे सरकार के इस कदम को भेदभावपूर्ण और गलत मानते  हैं। मेरठ के अली बाग कॉलोनी में बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने गए दो कर्मचारियों को स्थानीय नागरिकों ने एनआरसी के डेटा एकत्रित करने वाला समझकर उनसे मारपीट करने लगे।