विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को रूस पर प्रतिबंध लगाने के यूरोपीय संघ (EU) के “एकतरफा” कदम के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया और एनर्जी बिजनेस में उसके “दोहरे मापदंड” को उजागर किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारत की आपत्ति जताई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हमने यूरोपीय संघ द्वारा घोषित नवीनतम प्रतिबंधों पर ध्यान दिया है। भारत किसी भी एकतरफा प्रतिबंध का समर्थन नहीं करता है। हम एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और अपने कानूनी दायित्वों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।” बयान में कहा गया है, “भारत सरकार अपने नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा के प्रावधान को अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मानती है। हम इस बात पर जोर देंगे कि दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए, खासकर जब ऊर्जा व्यापार की बात हो।”
यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर यूरोपीय संघ के नए प्रतिबंधों में रोसनेफ्ट के स्वामित्व वाली एक भारतीय तेल रिफाइनरी पर प्रतिबंध और रूसी तेल की कीमतों में कमी शामिल है। इस पैकेज में बैंकिंग प्रतिबंधों को और सख्त किया गया है और रूसी कच्चे तेल से बने ईंधन उत्पादों पर नए प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। रोसनेफ्ट के पास नायरा एनर्जी लिमिटेड, पूर्व में एस्सार ऑयल लिमिटेड में 49.13% हिस्सेदारी है। नायरा गुजरात के वडिनार में एक बड़ी रिफाइनरी चलाती है, जिसकी वार्षिक क्षमता 20 मिलियन टन है और पूरे भारत में 6,750 से अधिक ईंधन स्टेशन संचालित करती है।
EU के रूस पर प्रतिबंध
यूरोपीय संघ (EU) और ब्रिटेन ने रूस पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध खत्म करने का दबाव बढ़ाते हुए मॉस्को के ऊर्जा क्षेत्र, पुराने तेल टैंकरों के बेड़े और सैन्य खुफिया सेवा के कर्मियों को शुक्रवार को नये प्रतिबंधों से निशाना बनाया। ईयू की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास ने कहा, ‘‘संदेश साफ है : यूरोप यूक्रेन का समर्थन करने में पीछे नहीं हटेगा। यूरोपीय संघ तब तक दबाव बढ़ाता रहेगा, जब तक रूस अपना युद्ध समाप्त नहीं कर देता।’’
कालास की यह टिप्पणी यूरोपीय संघ के तेल की कीमतों पर नयी सीमा लागू करने सहित अन्य नये उपायों पर सहमति जताने के बाद आई। उन्होंने कहा कि यह तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध के संदर्भ में ‘‘रूस के खिलाफ अब तक का सबसे कड़ा प्रतिबंध पैकेज’’ है। यह पैकेज ऐसे समय में आया है जब यूरोपीय देश यूक्रेन के लिए अमेरिकी हथियार खरीदना शुरू कर रहे हैं, ताकि देश अपनी सुरक्षा बेहतर ढंग से कर सके।
पढ़ें- टैरिफ को हथियार बनाकर रूस-यूक्रेन युद्ध रोकना चाहते हैं ट्रंप
रूस ने यूरोपीय संघ के कदम को किया खारिज
वहीं, रूस के राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने यूरोपीय संघ के इस कदम को खारिज करते हुए कहा कि “हम इस तरह के एकतरफा प्रतिबंधों को गैरकानूनी मानते हैं।” उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘साथ ही, हमें प्रतिबंधों से कुछ छूट भी मिली है। हम प्रतिबंधों के बीच जीने के लिए खुद को ढाल चुके हैं। हमें नये पैकेज का विश्लेषण करना होगा, ताकि इसके नकारात्मक प्रभावों को कम से कम किया जा सके।’’
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस पर प्रतिबंधों का स्वागत किया
दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नये प्रतिबंधों का स्वागत किया। उन्होंने इस प्रतिबंधों को रूस के तीव्र हमलों के बीच ‘‘समय पर उठाया गया आवश्यक’’ कदम बताया। जेलेंस्की ने कहा, ‘‘रूस की ओर से युद्ध में इस्तेमाल सभी बुनियादी ढांचे को अवरुद्ध किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन यूरोपीय संघ के साथ अपने प्रतिबंधों को समन्वयित करेगा और जल्द ही खुद के अतिरिक्त उपाय पेश करेगा। पढ़ें- रूस से युद्ध के बीच यूक्रेन की नई PM बनेंगी यूलिया स्विरीडेंको