मसालों की दिग्गज कंपनी ‘MDH’ के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है। गुरुवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने कोरोना को हरा दिया था लेकिन दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। पिछले ही साल उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
धर्मपाल गुलाटी अकसर अपनी कंपनी का प्रचार करते हुए टीवी पर नजर आ जाते थे। सबसे उम्र दराज ऐड स्टार के रूप में उन्हें जाना जाता है। उनकी पढ़ाई केवल पांचवीं तक ही हुई लेकिन कारोबारी की दुनिया में उन्होंने झंडे गाड़ दिए। इस समय उनकी 18 फैक्ट्रियां हैं जो दुनियाभर में मसाले सप्लाइ करती हैं। एमडीएच कंपनी लगभग 62 उत्पाद बनाती है जिन्हें दुनियाभर में पसंद किया जाता है।
1927 में पाकिस्तान के सियालकोट में जन्मे धर्मपाल गुलाटी ने पांचवीं के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी। कुछ साल बाद अपने पिता की मदद से शीशे का छोटा सा कारोबार शुरू किया। छोटे-छोटे कई कामों में उन्होंने हाथ आजमाया लेकिन मन नहीं लगा। मसाले का काम उनके घऱ में पहले से होता था। उन्होंने इसी में पूरा मन लगाकर काम करना शुरू किया और आज पूरी दुनिया में उनकी कंपनी अलग से पहचानी जाती है।
बंटवारे के बाद धर्मपाल पाकिस्तान से भारत आ गए थे। विस्थापन की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। कहा जाता है कि उनकी जेब में मात्र 1500 रुपये थे और उन्होंने एक तांगा खरीद लिया। कई बार उन्होंने गांधी जी को भी अपने तांगे पर बैठाकर घुमाया। थोड़े दिन बाद उन्होंने तांगा और घोड़ा बेच दिया और छोटी सी दुकान लेकर देगी मिर्च नाम से कारोबार शुरू किया। सियालकोट में उनकी पहचान बनी हुई थी। इसका फायदा उन्हें यहा भी मिला और लोग उनके पास आने लगे। बाद में दिल्ली में कई जगहों पर उन्होंने दुकानें खोल दीं।
मसालों की शुद्धता और लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए उन्होंने खुद ही मसाले पीसने का फैसला किया। पहली फैक्ट्री उन्होंने 1959 में दिल्ली के कीर्तिनगर में लगाई थी। आज उनकी कंपनी अरबों का कारोबार करती है। लंदन में भी उनका ऑफिस है। खाड़ी देशों में एमडीएच मसाले काफी पसंद किए जाते हैं। आज 100 से ज्यादा देशों में एमडीएच मसालों की सप्लाइ होती है।