उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी गांव में 25 फुट लंबी एक सड़क का नाम देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा। बिपिन रावत की 8 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। मंगलवार (14 अक्टूबर) को दिल्ली नगर निगम (MCD) की सदन की बैठक में सड़क का नाम ‘शहीद जनरल बिपिन रावत मार्ग’ रखने का प्रस्ताव पारित किया गया।
बिपिन रावत के नाम पर सड़क
अधिकारियों ने बताया कि एमसीडी सदन में प्रस्ताव पारित होने के बाद नगर आयुक्त द्वारा आदेश पारित करने के बाद यह नाम परिवर्तन प्रभावी हो जाएगा। बुराड़ी गांव के पार्षद अनिल कुमार त्यागी ने कहा कि दिवंगत जनरल रावत के नाम पर सड़क का नाम रखने का निर्णय देशभक्ति की राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है। अनिल त्यागी ने कहा, “सड़कों का नाम जनरल रावत जैसी हस्तियों के नाम पर रखा जाना चाहिए। यह हमें देश के लिए उनके द्वारा दिए गए बलिदानों की याद दिलाएगा।”
अनिल त्यागी ने कहा कि जनरल रावत के नाम वाला एक पत्थर तैयार है और इसे इंजीनियरिंग विभाग ने मंजूरी दे दी है। फिलहाल सड़क का कोई नाम नहीं है। जनरल बिपिन रावत ने 2017 से 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के रूप में और सितंबर 2019 से दिसंबर 2021 में अपने निधन तक चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
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भारत के सर्वोच्च सैन्य अधिकारी का पद सृजित होने के बाद उन्होंने 1 जनवरी, 2020 को पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में पदभार संभाला। फोर स्टार जनरल सीडीएस, रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के विभाग की देखरेख की जिम्मेदारी निभाते हैं।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई थी CDS की मौत
जनरल रावत और उनकी पत्नी भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर के 10 यात्रियों और चालक दल के चार सदस्यों में शामिल थे, जो सुलूर वायु सेना अड्डे से वेलिंगटन के रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। CDS एक व्याख्यान देने जा रहे थे। जनरल रावत 63 वर्ष के थे और उन्होंने 43 वर्षों तक भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा की थी।