MCD Budget 2025: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने बजट पेश कर दिया है। इस बार बजट काफी खास है क्योंकि इसमें सफाई और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दिया गया है। इसके अलावा स्कूली शिक्षा को सुधारने पर भी जोर दिखा है। अश्विनी कुमार की तरफ से कुल 17 हजार करोड़ का एमसीडी बजट पेश किया है, वहां पर सबसे बड़ा शेयर 4,907.11 करोड़ का सेनिटेशन के लिए रखा गया है।

शिक्षा पर कितना खर्च हुआ?

यहां पर समझने वाली बात यह है कि अभी एमसीडी में कोई भी स्टैंडिंग कमेटी नहीं है, उसे लेकर कोई सहमति आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच नहीं बन पाई है। इसी वजह से एमसीडी कमिश्नर को बजट पेश करना पड़ा है। हर बार की तरह एमसीडी के बजट में शिक्षा पर फिर काफी खर्च किया गया है। इस बार शिक्षा के लिए 1693 करोड़ रुपये निकाले गए हैं, पिछली बार यह आंकड़ा 1609 करोड़ रुपये था।

जानकारी के लिए बता दें कि एमसीडी दिल्ली में कुल 1531 प्राइमरी स्कूल चलाता है, 43 स्कूल ग्रांट के जरिए भी चल रहे हैं और 809 अन्य स्कूल हैं। इसके ऊपर एमसीडी ने फैसला किया है कि तीन करोड़ रुपये अतिरिक्त राजधानी में स्टेडियम और स्पोर्ट्स ग्राउंड बनाने में खर्च किए जाएंगे। हेल्थ सेक्टर की बात करें तो फिर वहां भी खास ध्यान दिया गया है। लेकिन पिछली बार की तुलना में बजट में कुछ कटौती भी देखने को मिली है।

साफ-सफाई पर सबसे ज्यादा खर्च

आंकड़े बता रहे हैं कि दिल्ली में हेल्थ सेक्टर पर 1833 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, पिछले बजट तक यह रकम 2061 करोड़ रुपये थी। लेकिन इस बार के एमसीडी बजट की सबसे बड़ी हाइलाइट सेनिटेशन सेक्टर में देखने को मिली है जहां पर इस बार 300 करोड़ अतिरिक्त खर्च करने की तैयारी है। पिछली बार के बजट में साफ-सफाई के लिए 4593 करोड़ रुपये रखे गए थे, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 4907 करोड़ कर दिया गया है।

वेस्ट को एनर्जी में बदलने की तैयारी

वैसे इस बार के बजट में वेस्ट मैनेजमेंट पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है, इसी वजह से नरेला बवाना में तो 3600 टन वेस्ट को एनर्जी में बदलने का प्लांट शुरू किया जाएगा तो वहीं गाजीपुर में भी 3000 टन का ऐसा ही एक और प्लांट बनेगा। इसके अलावा नगली सक्रावति और गोयला डेयरी में 25 करोड़ रुपये लगाकर Bio-Methanisation प्लांट तैयार किया जाएगा। वैसे बजट में जिन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया गया है, उन्हीं क्षेत्रों में कम काम होने की वजह से आम आदमी पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उस आपदा के बारे में और जानने के लिए यहां क्लिक करें