उत्तर प्रदेश सरकार ने बसपा का विरोध दरकिनार करके पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के घर के बाहर पुलिस ने चेक पोस्ट बनाने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इन फैसलों से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बसपा नेताओं ने बसपा प्रमुख मायावती के आवास के पास रेलवे लाइन की ओर के तीन कमरों को पुलिस चेक पोस्ट बनाने का विरोध किया था। उनका आरोप था कि सपा सरकार ऐसा करके बसपा प्रमुख की जासूसी कराना चाहती है।
इसके साथ ही सरकार ने बसपा के विधान परिषद सदस्य लोकेश प्रजापति व अन्य सदस्यों की मांग पर मायावती के आवास के सामने सर्विस रोड पर बने तीन कमरों को तोड़ने का फैसला किया है। प्रजापति ने यह मामला विधान परिषद में उठाया था। रेलवे ओवरब्रिज बनने के बाद इन कमरों की बिजली और पानी काट दिए गए थे जिससे वहां अंधेरा पड़ा रहता था। इससे बसपा प्रमुख मायावती की सुरक्षा को खतरा था।
इन कमरों को तोड़ने के लिए विधान परिषद में नेता सदन अहमद हसन ने आश्वासन दिया था। अब लोरेटो चौराहे की ओर से चिन्हित इन तीन कमरों को तोड़ने पर कैबिनेट ने स्वीकृति की मुहर लगा दी है। सरकार के फैसले में कहा गया है कि इन कमरों को तोड़े जाने से यातायात सुगम होगा। इन कमरों का निर्माण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने कराया था। इसलिए कमरों को तोड़ने संबंधी आगे की कार्रवाई भी आवास विभाग करेगा।
सरकार के अधिकृत सूत्रों का भी कहना है कि बसपा सदस्यों ने नियम-105 के तहत इस बारे में सूचना दी थी जिस पर विचार करने के बाद आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इन तीन कमरों को तोड़ने का फैसला लिया गया है।