जमीयत उलेमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि मोदी शासन में देश के मुसलमान नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि इस नाखुशी के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं। वहीं उनसे जब सवाल किया गया कि मुसलमानों के लिए बेहतर पार्टी कांग्रेस है या भाजपा? इसपर उन्होंने कहा कि कोई भी नहीं।

दरअसल महमूद मदनी एबीपी न्यूज के कार्यक्रम प्रेस कांफ्रेंस में एंकर सुमित अवस्थी के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उनसे एंकर ने पूछा कि आपको क्या लगता है कि पीएम मोदी के शासन काल में मुसलमान पहले से खुश है या नाखुश? इसपर मदनी ने बिना देरी किये कहा कि मुसलमान नाखुश है। आगे एंकर ने पूछा कि क्या इसका जिम्मेदार आप पीएम को मानते हैं? तो मदनी ने कहा कि बिल्कुल, इसके जिम्मेदार वहीं हैं।

वहीं उनसे कार्यक्रम के रैपिड फायर राउंड में पूछा गया कि लाउडस्पीकर को लेकर क्या मानते हैं कि उसकी आवाज मस्जिद के अंदर तक आनी चाहिए या फिर मोहल्ले भर में? मदनी ने कहा, “यह लोगों की पसंद पर है। अगर पड़ोसियों को इससे ऐतराज है तो मस्जिद के अंदर तक ही आवाज रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मजहब का इस्तेमाल किसी को तकलीफ पहुंचाने के लिए नहीं होना चाहिए।”

इसके आगे उनसे सवाल किया गया कि देश संविधान से चलना चाहिए या शरीयत से? मदनी ने कहा, “देश संविधान से चलना चाहिए और मैं शरीयत से चलूंगा। संविधान को मानने के लिए किसी के डंडे ने नहीं बल्कि मेरी शरीयत ने मजबूर किया है, और मैं मानूंगा। अगर मैं शरीयत को नहीं मानता तो संविधान को भी नहीं मानता।”

एंकर ने पूछा कि असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों के दुश्मन है या हितैषी? महमूद मदनी ने कहा, “मैं उन्हें हितैषी ही समझूंगा, दुश्मन कैसे कहूं। हां कुछ मतभेद हैं।” मदनी ने कहा, “जैसे आप अगर पूछें कि नरेंद्र मोदी साहब मुसलमानों के दुश्मन हैं या हितैषी हैं? तो मैं तो मोदी को मुसलमानों का दुश्मन कतई नहीं मानूंगा।”

बता दें कि कुछ दिन पहले इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए मदनी ने कहा था कि बीते कुछ समय में मुसलमानों की जिंदगी में बदलाव आया है, हालांकि कहीं तकलीफ तो है लेकिन बदलाव को मना नहीं किया जा सकता है।