श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई अब इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा। फिलहाल यह मामला मथुरा की निचली अदालत में चल रहा था। हाईकोर्ट ने 3 मई को मामले को ट्रांसफर करने की मांग वाली एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला हिंदू पक्ष के शाही मस्जिद ईदगाह की ज़मीन पर अधिकार के दावे से जुड़ा है।

याचिका में क्या था?

ट्रांसफर से जुड़ी याचिका में मथुरा में इस मामले को राष्ट्रीय महत्व से जोड़ते हुए कहा गया था कि कृष्ण जन्मभूमि का मामला हाईकोर्ट में सुना जाना चाहिए। याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान द्वारा कटरा केशव देव खेवत मथुरा में रंजना अग्निहोत्री और सात अन्य लोगों वकील के ज़रिए दायर की गई थी। इस मामले में शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबंधन समिति, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, कटरा केशव देव, डीग गेट, मथुरा और श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान, कटरा केशव देव आदि प्रतिवादी हैं। .

कोर्ट के सामने दावा किया गया है कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिरों को तोड़कर किया गया था। याचिका में कहा गया है कि जमीन कभी भी मस्जिद के निर्माण के लिए नहीं दी गयी थी।

ये पूरा विवाद है क्या?

विवाद की बात करें तो मथुरा में पूरा मामला शाही ईदगाह मस्जिद की 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। हिंदू पक्ष का कहना है कि केशवदेव के मंदिर को तोड़ने के बाद यहां टीला बन गया था। 1803 में अंग्रेज मथुरा आए और उन्होंने 1815 में कटरा केशवदेव की जमीन को नीलाम कर दिया। हिंदू पक्ष का कहना है कि इस जमीन को बनारस के राजा पटनीमल ने 1410 रुपये में खरीदा था।

वह इस जमीन पर मंदिर बनाना चाहते थे। दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अंग्रेजों ने जिस जमीन की नीलामी की थी उसमें से कुछ हिस्सा मुस्लिम को भी सौंपा था। इसी जमीन को लेकर दोनों पक्षों में विवाद है।