केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि नौवहन आतंकवाद एक बड़ा खतरा है जिसका व्यापक आर्थिक प्रभाव है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी बड़े व छोटे बंदरगाहों का सुरक्षा आडिट करा रही है ताकि तटीय सुरक्षा की दृष्टि से असुरक्षित बिंदुओं की पहचान की जा सके।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘हमारे तटों की कमजोरी 1993 में सामने आई थी जब विस्फोटक तस्करी करके रायगढ़ ले जाए गए थे और उसके बाद 2008 में जब मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था।’ उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि वे तटीय सुरक्षा की समीक्षा संबंधी एक बैठक में यहां आए हैं। उन्होंने आगे ट्वीट किया, ‘हमें अपनी तटीय सुरक्षा को चुस्त-दुरुस्त और अभेद्य बनाने की जरूरत है।’ राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, ‘नौवहन आतंकवाद एक बड़ा खतरा है, जिसका व्यापक आर्थिक प्रभाव हैं।’ उन्होंने कहा कि मुंबई पर 2008 में 26:11 आतंकी हमले के बाद तटीय सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में कई पहल की गई है।
गृह मंत्री ने आगे ट्वीट किया, ‘हम रडार व स्वचालित पहचान प्रणाली (एआइएस) रिसीवर की शृंखला लगा रहे हैं ताकि भारतीय तटीय रेखा को सुरक्षित बनाया जा सके।’ तटीय सुरक्षा योजना (सीएसएस) का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘सीएसएस 1 और 2 की सफलता के बाद हम सीएसएस 3 के लिए संकल्पना पत्र तैयार कर रहे हैं। हम सीएसएस 3 के लिए आपके विचार चाहते हैं।’ राजनाथ ने यह भी कहा, ‘हमारे तटीय सुरक्षा के कमजोर बिंदुओं की पहचान के लिए हम सभी बड़े और छोटे बंदरगाहों की सुरक्षा आडिट करा रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि भारतीय तटरक्षक सामुदायिक संवाद कार्यक्रम के जरिए मछुआरा समुदाय को जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं। नौ तटीय राज्यों : पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात और चार केंद्र शासित प्रदेशों (दमन एवं दीव, दादरा नगर हवेली, लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह), अंतर राज्य परिषद सचिवालय (आइएससीएस), भारत के महापंजीयक, रक्षा मंत्रालय, पोत परिवहन मंत्रालय, पशुपालन, डेयरी व मतस्य विभाग और भारतीय तटरक्षक इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
बैठक के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बताया जिसमें मछली पकड़ने की नौकाओं में रंगीन कोडिंग, मछुआरों को बायोमेट्रिक कार्ड जारी करना और सामुदायिक निगरानी जैसी पहल शामिल है। उन्होंने सुझाव दिया कि समुद्री निगरानी एक विशेषज्ञ कार्य है, ऐसे में समुद्र तटों, बंदरगाहों और महत्त्वपूर्ण संस्थाओं की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय समुद्री पुलिस बल सृजित किया जाना चाहिए। फड़णवीस ने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार ने सागरमाला जैसी परियोजना के जरिए बंदरगाह आधारित विकास पर जोर दिया है। सागरमाला जैसी परियोजना के जरिए तटीय सुरक्षा को अगले स्तर तक ले जाने की बात कही गई है। फड़णवीस ने कहा कि सभी छोटे बंदरगाह और अन्य बिंदुओं को प्रौद्योगिकी आधारित ई निगरानी के दायरे में लाया जाना चाहिए।