मुंबई। सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठियों को 16 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के निर्णय पर बंबई उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दिए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने अब उच्चतम न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय लिया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उपनगरीय विले पार्ले में एक समारोह से इतर संवाददाताओं को बताया ‘‘राज्य सरकार मराठा आरक्षण का पूरा समर्थन करती है। हम उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। हम ऐसे उपाय करेंगे कि आरक्षण सुनिश्चित हो।’’
मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘अगर अदालत कानून की किसी विसंगति का हवाला देती है तो हम राज्य विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान कानून की विसंगतियों को दूर करेंगे।’’
राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र आठ दिसंबर से शुरू होगा।
फडणवीस ने कहा ‘‘इस सरकार की प्रतिबद्धता है कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले ।’’
मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर भाजपा की ओर से अदालत में पेश रूख की राकांपा ने आलोचना की थी।