महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर तनाव बरकरार है। जालना में शुक्रवार को आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद टेंशन और ज़्यादा बढ़ गई है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने माफी मांगते हुए कहा है कि जालना में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग का किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं किया जा सकता है। सोमवार को कई शहरों मे विरोध प्रदर्शन हुए, इस दौरान जालना, संभाजीनगर, बारामती और नांदेड मं प्रदर्शन देखे गए।
क्यों भड़क रहा है यह मुद्दा और अब तक क्या कुछ हुआ है 10 पॉइंट्स में जानिए।
- महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग बहुत पुरानी है और लोग इसे लेकर सड़कों पर आते रहे हैं। इस बार यह मामला खासतौर पर जालना में हुए लाठी चार्ज के बाद हिंसक हो गया है। शुक्रवार (1 सितंबर) लाठीचार्ज के बाद 42 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। बसों को आग के हवाले कर दिया गया तोड़फोड़ भी की गई।
- सीएम एकनाथ शिंदे ने विरोध प्रदर्शन के प्रमुख चेहरे मनोज जरांगे पटेल से फोन पर बात की और उन्हें सरकार की ओर से आश्वासन दिया कि यह मुद्दा सकारात्मक है और आगे बात की जाएगी।
- मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि सरकार को एक ठोस निर्णय लेना चाहिए और समुदाय के लिए आरक्षण के संबंध में एक अध्यादेश या सरकारी प्रस्ताव लाना चाहिए।
- जालना घटना पर शिव सेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा, ”मैं प्रदर्शनकारियों से मिलने जालना गया था, यह राज्य सरकार बेशर्म है, उन्होंने महिलाओं सहित सभी को बेरहमी से पीटा है, यह सरकार संदेश दे रही है कि अगर कोई न्याय के लिए विरोध करेगा तो हम उसका सिर तोड़ देंगे।”
- इन हालात के बीच महाराष्ट्र सरकार ने आज (सोमवार) मराठा आरक्षण पर अपनी कैबिनेट उप-समिति की बैठक की। बैठक 12 बजे हुई। जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार मौजूद रहे।
- सीएम एकनाथ शिंदे ने मीटिंग के बाद कहा, “हमारी सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है हरीश साल्वे जैसे वरिष्ठ वकील इसका हिस्सा हैं। हमारी सरकार इस पर बड़े पैमाने पर काम कर रही है। जालना में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। शिंदे ने आगे कहा, “मैंने अधिकारियों को मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने और समाधान सुझाने का निर्देश दिया है। हमें यह स्थापित करने की जरूरत है कि मराठा समुदाय पिछड़ा है।”
- राज्य सरकार द्वारा मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में दिए गए आरक्षण को मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य आधारों के साथ कुल आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था। इसके बाद मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जारांगे के नेतृत्व में 29 अगस्त को भूख हड़ताल शुरू हुई।
- मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है। मनोज जारांगे ने कहा,”सरकार आरक्षण के लिए अध्यादेश जारी करे, नहीं तो मैं कल से पानी पीना बंद कर दूंगा. सरकार को सिर्फ बैठकें नहीं करनी चाहिए. आरक्षण पर निर्णय लीजिए. अगली बार सरकार का कोई प्रतिनिधि यहां आए तो अध्यादेश की प्रति अपने साथ लाए।”
- 1 सितंबर को जालना में मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सोमवार को औरंगाबाद में बंद का ऐलान किया गया था। पुलिस ने धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। कोटा आंदोलन के तहत भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती कराया।
- NCP के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय से फोन आने के बाद जालना जिले में मराठों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। राज्य के पूर्व गृह मंत्री ने यह पता लगाने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच की भी मांग की कि किसने जालना जिले के पुलिस अधीक्षक को फोन किया और उन्हें प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश दिया।
