मुंबई के आजाद मैदान में आरक्षण को लेकर अनशन कर रहे मराठा नेता मनोज जरांगे सरकार के आश्वासन के बाद अपना अनशन खत्म कर दिया। उन्होंने आजाद मैदान में महाराष्ट्र सरकार के मंंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दी गई ड्राफ्ट प्रस्तावना (ड्राफ्ट रिज़ॉल्यूशन) को स्वीकार कर लिया।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री समूह ने जरांगे को आश्वासन दिया कि हैदराबाद गजट लागू करने के लिए एक सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया जाएगा, जिसके बाद मराठवाड़ा के मराठाओं को कुनबी का दर्जा मिल सकता है। सरकार ने कहा है कि यह आदेश जरांगे द्वारा प्रस्ताव स्वीकार करने के एक घंटे के भीतर जारी कर दिया जाएगा, जबकि बाकी तीन गजट लागू करने में कम से कम एक महीने का समय लगेगा। जरांगे पाटिल की कुल आठ मांगों में से छह को सरकार ने मान लिया है।
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के मंंत्रियों के आश्वासन के बाद मनोज जरांगे ने अपने समर्थकों से कहा, “हम जीत गए हैं।” जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने अगर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सरकारी आदेश जारी कर दिया तो आज रात नौ बजे तक मुंबई से रवाना हो जाऊंगा। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को मराठा समुदाय को कुनबी का एक हिस्सा बताने वाला सरकारी आदेश जारी करने के लिए दो महीने का ‘अल्टीमेटम’ दिया।
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अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि मराठा समाज की मांगें पहले ही सरकार को लिखित रूप में दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा, “पहली मांग हैदराबाद गजट को तुरंत लागू करने की थी। इस पर अब सरकार ने फैसला लिया है। मंत्री राधाकृष्ण विके पाटिल ने भरोसा दिया है कि अगर आंदोलनकारी इस प्रस्ताव को मान लेते हैं तो सरकार इस पर जीआर जारी करेगी।”
जरांगे पाटिल ने आगे बताया, “सब-कमेटी ने हैदराबाद गजट लागू करने की मांग को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। इस सरकारी फैसले के अनुसार एक कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके तहत मराठा समाज के उन लोगों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिनके रिश्तेदार, गोत्र के लोग या उसी गांव के लोग पहले से ऐसे प्रमाणपत्र पा चुके हैं।”
क्या है हैदराबाद गजट?
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग के संदर्भ में हैदराबाद गजट अहम भूमिका निभाता है। साल 1918 में निजाम शासन के दौरान जारी इस गजट में मराठवाड़ा क्षेत्र (जो तब हैदराबाद राज्य का हिस्सा था) की कई जातियों को दर्ज किया गया था। इसमें मराठा समुदाय को भी कुनबी के रूप में दर्ज किया गया था। कुनबी जाति को महाराष्ट्र में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा प्राप्त है।
निजाम के समय में मराठा समुदाय की प्रशासन और नौकरियों में मौजूदगी को देखते हुए सरकार ने उन्हें आधिकारिक तौर पर कुनबी वर्ग में रखा और शिक्षा व रोजगार में आरक्षण का लाभ दिया। इस आदेश को हैदराबाद राज्य की सरकारी गजट अधिसूचना में प्रकाशित किया गया, इसलिए इसे ‘हैदराबाद गजट’ कहा जाता है।
हैदराबाद गजट क्यों है अहम?
हैदराबाद गजट आज भी वैध माना जाता है और कई कानूनी मामलों में सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है। मराठा आरक्षण की पिछली मांगों में भी इसका हवाला दिया गया था। गजट में दर्ज है कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा रहा है। इसी आधार पर मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल न सिर्फ हैदराबाद गजट लागू करने की मांग करते रहे हैं, बल्कि सतारा और बॉम्बे गजट के पुराने रिकार्ड्स को भी शामिल करने पर जोर दे रहे हैं।
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