Chhattisgarh Maoists Encounter: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई है। इसमें कम से कम 27 माओवादी मारे गए हैं। सूत्रों के अनुसार, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव के चार जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) द्वारा माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया। डीआरजी को सूचना मिली थी कि माओवादियों का एक बड़ा नेता अबूझमाड़ के किसी खास इलाके में छिपा हुआ है।

अबूझमाड़ का इलाका बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले तक फैला हुआ है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि तीन दिनों से नक्सल विरोधी अभियान चल रहा है। साय ने कहा, “अभियान मुख्य रूप से डीआरजी द्वारा चलाया जा रहा है। मैं उनकी बहादुरी को सलाम करता हूं। हम शुरू से ही उनसे (माओवादियों से) आत्मसमर्पण करने की अपील कर रहे हैं…इसे बार-बार दोहराने की कोई जरूरत नहीं है।”

पिछले महीने छेड़ा था बड़ा ऑपरेशन

याद दिलाना होगा कि पिछले महीने ही सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन छेड़ दिया था। यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के करेगुट्टालू की पहाड़ियों पर चलाया गया था। इसे ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ कोड नाम दिया गया था। 21 दिन बाद इस ऑपरेशन को बंद कर दिया गया था और दावा किया गया था कि माओवादियों की टॉप लीडरशिप और उनकी सशस्त्र शाखा People’s Liberation Guerrilla Army की खूंखार बटालियन 1 को इसमें भयंकर नुकसान पहुंचा है। यह ऑपरेशन 21 अप्रैल को शुरू हुआ था।

बीजापुर की पहाड़ियों में माओवादी के खिलाफ बड़ा अभियान

यह ऑपरेशन तब चलाया गया था, जब सुरक्षा बलों को कई एजेंसियों से सूचना मिली थी कि हिडमा माडवी सहित कई टॉप माओवादी नेता और कमांडर करेगुट्टालू की पहाड़ियों पर देखे गए हैं। तब इस मुठभेड़ में कुल 31 माओवादी मारे गए थे और इनमें एक 16 साल का किशोर भी शामिल था। 

इस ऑपरेशन को शुरू किए जाने से पहले सीआरपीएफ, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ पुलिस के सभी सीनियर अफसरों की एक बड़ी बैठक हुई थी। इसके साथ ही इसमें छत्तीसगढ़ पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स, सीआरपीएफ और तेलंगाना पुलिस के जवान भी शामिल थे। बताया गया था कि अभियान में सुरक्षा बलों के लगभग 7000 जवान शामिल हैं। 

‘जब भी कोई नक्सली मारा जाता है, कोई खुश नहीं होता’

पिछले महीने जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए थे तो उन्होंने कई बड़े ऐलान किए थे। शाह ने कहा था कि माओवादियों को हथियार छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके और पूरे देश से नक्सलवाद को मार्च, 2026 तक खत्म कर दिया जाएगा। शाह ने कहा था कि जो भी गांव खुद को नक्सल मुक्त घोषित करेगा, वहां विकास कार्य के लिए एक करोड़ रुपए दिए जाएंगे। 

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