पोचीन का एक विशाल 23 टन वजनी राकेट अंतरिक्ष में बेकाबू होकर शनिवार दोपहर 12:45 बजे हिंद व प्रशांत महासागर के ऊपर धरती पर गिर गया। अमेरिकी व चीनी अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। ‘लांग मार्च 5बी’ राकेट 24 जुलाई को अंतरिक्ष में लांच किया गया था।

चीन के इस मलबे को लेकर कई देशों में सतर्कता बरती जा रही है। फिलिपीन ने सोमवार को कहा कि चीन के राकेट का मलबा देश के पश्चिमी क्षेत्र में जिस स्थान पर कथित तौर पर गिरा है, वहां से नुकसान होने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। फिलिपीन अंतरिक्ष एजंसी के अधिकारी मार्क टेलेमपास ने कहा कि अधिकारियों को राकेट के मलबे का पता लगाने का निर्देश दिया गया है। मलबे के पलावन प्रांत में समुद्र में गिरने की आशंका है।

अधिकारी ने कहा, हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। साथ ही आम लोगों को भी सतर्क रहने, किसी भी तैरती हुई संदिग्ध वस्तु के संपर्क में आने से बचने और मलबा मिलने की स्थिति में तत्काल स्थानीय अधिकारियों को जानकारी देने की सलाह दी गई है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजंसी नासा के प्रबंधक बिल नेल्सन ने जानकारी साझा न करने को लेकर चीन की आलोचना की है। नेल्सन ने कहा कि अगर चीन की तरफ से राकेट को लेकर जानकारी दी जाती, तो उसके संभावित मलबे के जोखिम भरे प्रभाव का पता चलता। चीन का यह राकेट बड़ा खतरा साबित हो सकता था।

दरअसल, चीन ने किसी को भी इस बारे में पहले से सूचित नहीं किया था। 5बी का उद्देश्य लैब माड्यूल को उस अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचाना था, जिसका निर्माण चीन कर रहा है। हालांकि, राकेट ने लैब माड्यूल को जरूर चीन के निर्माणाधीन स्पेस स्टेशन तक पहुंचा दिया, लेकिन उसके बाद ये बेकाबू हो गया। चीन की स्पेस एजंसी ने कहा कि लांग मार्च 5बी के अधिकतर हिस्से वायुमंडल में ही जल गए थे।

राकेट के मलबे ने प्रशांत महासागर के सुलु सागर के ऊपर पृथ्वी में दोबारा प्रवेश किया। पिछले साल मई महीने में भी चीन का एक राकेट बेकाबू हो गया था, जो हिंद महासागर में मालदीव की सीमा के पास समुद्र में गिरा था और जिस जगह वो राकेट गिरा था, उससे महज एक किलोमीटर दूर एक यात्री जहाज गुजर रहा था। मई, 2020 में इसी तरह के एक मलबे ने आइवरी कोस्ट पर कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था।