रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के परमाणु बम पर दिए गए एक बयान ने विवाद पैदा कर दिया। मोनहर पर्रिकर ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘पहले प्रयोग नहीं (नो फर्स्ट यूज) की नीति’ के बजाय भारत यह क्यों नहीं कह सकता कि हम एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति हैं और गैरजिम्मेदार तरीके से इसका प्रयोग नहीं करेंगे।’ लेकिन इसके तुरंत बाद पर्रिकर बोले, ‘यह मेरा निजी विचार हैं। वर्ना कुछ कल यह खबर चला देंगे कि पर्रिकर ने न्यूक्लियर सिद्धांत में बदलाव कर दिए हैं। सरकार द्वारा कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह मेरे निजी विचार हैं।’ इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी साफ किया कि नीति में कोई पर्रिवर्तन नहीं किया गया है। गौरतलब है कि 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने वादा किया था कि वह भारत के न्यूक्लियर सिद्धांत पर चर्चा करके उसे नए तरीके से तैयार करेगी। लेकिन ना ही किसी चर्चा का अबतक जिक्र हुआ और ना ही कोई बदलाव ही हुए।
वीडियो: मनोहर पार्रिकर ने परमाणु हथियार के इस्तेमाल पर दिया बयान; विपक्ष ने बयान को बताया गैरज़िम्मेदाराना
नो फर्स्ट यूज (NFU) न्यूक्लियर यूज के लिए भारत द्वारा अपनाई गई एक पॉलिसी है। इसके मुताबिक, भारत तब तक सामने वाले पर परमाणु हमला नहीं करेगा जबतक उसकी (दुश्मन) तरफ से ऐसा कोई हमला नहीं हो जाए। पहले यह ही पॉलिसी केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों पर लागू थी। पाकिस्तान ने ऐसी कोई पॉलिसी नहीं बना रखी है। 2003 में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिज ने इस पॉलिसी में किसी भी तरीके के बदलाव होने की बात को खारिज कर दिया था। लेकिन 2011 में बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने कहा था कि भारत को NFU का परित्याग कर देना चाहिए।
पर्रिकर ने बयान पर विपक्षी दल उनको घेरने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के संचार प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘रक्षा मंत्री पर्रिकर को किसी पब्लिक फंक्शन में इस तरीके की बातें नहीं बोलनी चाहिए।’ सीपीएम के महासचिव सीताराम येचूरी ने कहा, ‘किसी रक्षा मंत्री द्वारा दिया गया यह अबतक का सबसे गैर जिम्मेदाराना बयान है।’ मनोहर पर्रिकर ने यह बात रिटायर्ड ब्रिगेडियर गुरमीत कंवल की किताब The New Arthashastra की लॉन्च के वक्त कही थी।