हाल ही में घोषित फसल बीमा योजना के फायदों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों से पूरे देश में इसकी जानकारी फैलाने में सहयोग का आग्र्रह किया ताकि अगले दो वर्षों में कम से कम 50 फीसद किसान इसके दायरे में लाए जा सकें। आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने खादी को लोकप्रिय बनाने की दिशा में अपने प्रयासों पर भी बल दिया। साथ ही बालिकाओं को बचाने के बारे में जागरूकता फैलाने एवं स्टार्टअप कार्यक्रम का भी जिक्र किया।

मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में किसान की पूरी मेहनत पर पानी फिर जाता है। इससे किसान को सुरक्षा देने का एक उपाय फसल बीमा योजना है। इसलिए केंद्र सरकार ने 2016 में किसानों को बड़ा तोहफा फसल बीमा योजना के रूप में दिया। लेकिन देश के 20-25 फीसद से ज्यादा किसान फसल बीमा के लाभार्थी नहीं बन पाए हैं। क्या हम संकल्प कर सकते हैं कि आने वाले एक-दो साल में हम देश के कम से कम 50 फीसद किसानों को फसल बीमा से जोड़ सकें? प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी एक राष्ट्रीय प्रतीक और युवा पीढ़ी के आकर्षण का केंद्र बन गया है।

नव गठित खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की नवीन पहलों के तहत सौर चरखा और सौर लूम से उत्पादन के सफल प्रयास किए जा रहे हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाले चरखा और लूम से बुनकर पहले से कम मेहनत में अधिक उत्पादन और दोगुनी आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
फरवरी में विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 4 से 8 फरवरी तक भारत इसकी मेजबानी कर रहा है। पूरा विश्व हमारे यहां मेहमान बन कर आ रहा है और हमारी नौसेना इस मेजबानी के लिए पूरे जोश से तैयारी कर रही है। एक बहुत बड़ा अवसर है। संस्कृत में समुद्र को उदधि या सागर कहा जाता है। इसका अर्थ है, अनंत प्रचुरता। सीमाएं हमें अलग करती होंगी, जमीन हमें अलग करती होगी, लेकिन जल हमें जोड़ता है।

लिहाजा समंदर से अपने को जोड़ कर हम किसी से भी जुड़ सकते हैं। चाहे छत्रपति शिवाजी हों, चाहे चोल साम्राज्य हो – सामुद्रिक शक्ति के विषय में उन्होंने अपनी नई पहचान बनाई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी का पर्व बहुत उमंग और उत्साह के साथ हमने मनाया। लेकिन हरियाणा और गुजरात, दो राज्यों ने एक बड़ा अनोखा प्रयोग किया। इस वर्ष उन्होंने हर गांव के सरकारी स्कूल में ध्वजवंदन करने के लिए, उस गांव की सबसे पढ़ी-लिखी बेटी को चुना।

हरियाणा में तो और भी अच्छी बात हुई कि गत एक वर्ष में जिस परिवार में बेटी का जन्म हुआ है, उन परिवारजनों को 26 जनवरी को विशेष रूप से निमंत्रित किया गया और वीआइपी के रूप में प्रथम पंक्ति में उनको स्थान दिया गया। ये अपने आप में इतना बड़ा गौरव का पल था क्योंकि हरियाणा में एक हजार बेटों के सामने जन्म लेने वाली बेटियों की संख्या बहुत कम हो गई थी। विज्ञान भवन में 16 जनवरी को आयोजित स्टार्टअप कार्यक्रम का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सारे देश के नौजवानों में नई ऊर्जा, नई चेतना, नई उमंग, नए उत्साह का अनुभव किया। इस आयोजन से लोगों का यह भ्रम टूटा कि स्टार्टअप केवल आईटी से जुड़ा नहीं है। आईटी तो इसका छोटा सा हिस्सा है। स्टार्ट अप भी अनगिनत अवसरों को लेकर आया है।

स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने के बारे में काफी भावनात्मक होते हैं लेकिन बाद में हम बेपरवाह हो जाते हैं। लेकिन कुछ संगठन और लोग महापुरुषों की मूर्तियां साफ करने के लिए आगे आए। प्रधानमंत्री ने कई रेलवे स्टेशनों पर वहां के स्थानीय नागरिकों, स्थानीय कलाकारों एवं अन्य लोगों की स्थानीय कला को केंद्र में रखते हुए दीवारों की पेंटिंग, साइन-बोर्ड अच्छे ढंग से बनाने का जिक्र किया।

उन्होंने इसके बारे में रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल, स्कूल, मंदिरों, गिरजाघरों, मस्जिदों के आसपास साफ सफाई पर ध्यान देने का भी आग्रह किया। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर शनिवार को राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहीदों को नमन करने का यह प्रतिवर्ष होने वाला कार्यक्रम है। यह स्वभाव बनना चाहिए, इसे हमें अपनी राष्ट्रीय जिम्मेवारी समझ्ना चाहिए? और यही बातें हैं जो देश के लिए हमें जीने की प्रेरणा देती हैं। हर वर्ष 30 जनवरी ठीक 11 बजे सवा-सौ करोड़ देशवासी 2 मिनट के लिए मौन रखें। आप कल्पना कर सकते हैं कि इस घटना में कितनी बड़ी ताकत होगी।