संसद के मॉनसून सत्र में पिछले डेढ सप्ताह से जारी गतिरोध के अब भी खत्म होने का तो जैसे नाम ही नहीं ले रहा है। पिछले दिनों की तरह सोमवार को भी संदर के लोकसभा सदन में दोनो पार्टियों के शीर्ष नेता एक दूसरे पर तंज कसते रहे। इसी बीच कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कडे तेवर से मिले। उन्होंने कहा कि पार्टी का ध्यान काम नहीं है।
सोनिया गांधी ने सदन में साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया कि जब तक नरेंद्र मोदी सरकार जब तक अपनी पार्टी से विवादों में फंसे मुख्यमंत्रियों को पद से नहीं हटाती है और अन्य विवादित लोगों पर कार्रवाई नहीं करती है, तबतक वह संसद नहीं चलने देंगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर कहा कि हमेशा से लोगों से मन की बात के चैंपियन नरेंद्र मोदी अब मौन व्रत के चैंपियन हो गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी अब मार्केटिंग में काफी माहिर हो गए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हठधर्मिता दिखा रही है। उन्होंने कहा कि बहुमत को जिम्मेवार होना चाहिए और इसे प्रकट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसदीय बहुमत किसी को गैर जिम्मेवार होने की अनुमति नहीं देता। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम बहुत ही अहम मुद्दा उठा रहे हैं और इसके लिए ठोस प्रमाण भी दे रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ललित मोदी प्रकरण में नाम आने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पद से हटाने की मांग पर अडी है। जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को व्यापमं घोटाले मामले में पद से हटाने की मांग कर रही है।
हालांकि इसी गतिरोध के दौरान सरकार ने इन सभी नेताओं के किसी भी मामले को लेकर इस्तीफा लेने से इंकार कर दिया है। वहीं सुषमा स्वराज ने ललित गेट के मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने मोदी को फायदा पहुंचाने के लिए उनकी सहायता नहीं बल्कि मानवता के आधार पर की थी। गौरतलब है कि ये बयान वे पहले भी कई बार दे चुकी हैं।