पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1950 के दशक में स्कॉलरशिप पर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी। यह दौर आर्थिक तौर पर उनके लिए काफी चुनौतियों से भरा था। हालात ऐसे थे कि उन्हें कभी-कभी तो भोजन तक छोड़ना पड़ता था, वह अपनी भूख  कैडबरी की चॉकलेट से मिटाते थे। यह बात उनकी बेटी दमन सिंह ने बताई है। मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स (ट्रिपोस) की डिग्री हासिल की थी। 

मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने 2014 में एक किताब लिखी (Strictly Personal: Manmohan and Gursharan) जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता की कहानी बताई है।

मनमोहन सिंह की बेटी ने क्या लिखा? 

मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने बताया है कि उनके पिता अक्सर अपने शुरुआती सालों के बारे में बात करते थे। अपने गांव के जीवन को याद करते थे। मनोमहन सिंह का जन्म पंजाब प्रांत के पश्चिमी क्षेत्र गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में आता है।

कैम्ब्रिज में अपने पिता के दिनों के बारे में लिखते हुए दमन ने कहा कि पैसा ही एकमात्र वास्तविक समस्या थी जो उन्हें परेशान करती थी क्योंकि उनकी ट्यूशन और रहने का खर्च लगभग 600 पाउंड प्रति वर्ष था जबकि पंजाब विश्वविद्यालय की छात्रवृत्ति से उन्हें लगभग 160 पाउंड मिलते थे।

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‘कभी बाहर नहीं खाते थे खाना’

मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने बताया लिखा है कि वह अपने खर्चों को बहुत ज़्यादा ध्यान में रखते हुए खर्चे करते थे। वह कभी बाहर नहीं खाते थे और शायद ही कभी बीयर या वाइन पीते थे। मनमोहन सिंह की बेटी ने यह भी बताया कि उनके पिता पारिवारिक समारोहों और पिकनिक पर गाना गाया करते थे। वह लिखती हैं, “जब भी हम पिकनिक पर जाते थे, लोग गाते थे। उन्हें कुछ गाने आते थे। उन्होंने ‘लगता नहीं है जी मेरा’ और अमृता प्रीतम की कविता गाई थी।