Manmohan Singh Memorial News: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का मेमोरियल दिल्ली के राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाया जाएगा। भारत सरकार ने इस मेमोरियल के लिए 900 वर्ग मीटर की एक जमीन को फाइनल कर दिया है, बड़ी बात यह है कि पूर्व पीएम के परिवार ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। पिछले हफ्ते ही मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर ने उस जगह का निरीक्षण किया था और तब उन्होंने केंद्र को औपचारिक स्वीकृति दे दी थी।

मनमोहन सिंह का स्मारक कहां बनेगा?

उनके अलावा पूर्व पीएम पीएम की दोनों बेटियों ने भी अपने पतियों के साथ राष्ट्रीय स्मृति स्थल का दौरा किया था, उन्हें भी उस जगह से कोई आपत्ति नहीं है। अब जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल दिसंबर में मनमोहन सिंह का निधन हुआ था, उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से वे दुनिया को अलविदा कह चले गए। अब उनके निधन के बाद ही कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने मांग की थी कि पूर्व पीएम के लिए अलग स्मारक बनाया जाए। उसके बाद ही केंद्र ने ऐलान कर दिया था कि मनमोहन सिंह के लिए जगह ढूंढ स्मारक बनेगा।

सरकार कितना पैसा दे सकती है?

इस समय राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर सिर्फ दो ही जगह रिक्त बची थीं, एक हिस्से में तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्मारक बन चुका है तो वहीं अब दूसरी जगह पर मनमोहन सिंह का स्मारक बनने जा रहा है। माना जा रहा है कि पूर्व पीएम के लिए आवंटित हुआ लैंड यहां आखिरी स्मारक रहने वाला है। मनमोहन सिंह के परिवार के मुताबिक पूर्व पीएम चंद्रशेखर, पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमण की समाधि भी वहीं पर मौजूद है। वैसे मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने का काम एक ट्रस्ट को करना होगा जिसका गठन उनका परिवार ही करेगा। उस ट्रस्ट को सरकार से अधिकतम 25 लाख तक की सहायता मिल सकती है।

2000 में अटल सरकार का फैसला क्या था?

दिलचस्प बात यह है कि 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने फैसला लिया था कि पूर्व राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों के निधन के बाद कोई स्मारक नहीं बनाया जाएगा। मौजूदा समय में राजघाट परिसर में और उसके आसपास 18 स्मारक हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और उप प्रधानमंत्रियों के स्मारक शामिल हैं। वैसे देश में VVIP नेताओं के लिए जब स्मारक बनाने की बात आती है, उसके अलग नियम हैं, उसके बारे में जानने के लिए यह खबर पढ़ें