आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) असंतुष्ट नेताओं के उस जी-23 समूह का हिस्सा हैं, जो पार्टी के संगठनात्मक सुधार और अधिक जवाबदेही पर जोर देते रहे हैं। जी-23 के नेताओं ने बुधवार को एक बैठक की थी, जिसमें मनीष तिवारी भी मौजूद रहे थे। इस बैठक में हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों पर चर्चा हुई और कहा गया कि पार्टी के लिए आगे बढ़ने का यही रास्ता है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की व्यवस्था हो। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मनीष तिवारी ने बड़ा बयान दिया और कहा कि पार्टी शायद कांग्रेस-मुक्त भारत की तरफ देख रही है।

बुधवार को हुई जी-23 की मीटिंग के संदर्भ पूछा गया कि क्या अब एकतरफा फैसले लिए जा रहे हैं? इस पर मनीष तिवारी ने कहा, “पार्टी के 18 वरिष्ठ नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के आवास पर मुलाकात की, जिनमें 5 पूर्व मुख्यमंत्री, 7 पूर्व केंद्रीय मंत्री और अन्य मौजूदा और पूर्व सांसद शामिल थे। होली के कारण कई अन्य नेता इस बैठक में नहीं आ सके। खासकर जब हमने कुछ महत्वपूर्ण सुधारों को चिह्नित करते हुए एक पत्र लिखा था जो पार्टी को फिर से जीवंत करने के लिए आवश्यक थे। तब से कांग्रेस 11 राज्यों में हार चुकी है।”

मनीष तिवारी ने कहा कि स्पष्ट रूप से दिक्कत तो है- जमीनी हकीकत और फैसले लेने के बीच एक डिस्कनेक्ट है। कांग्रेस की चुनावों में लगातार हार पर आनंदपुर साहिब से सांसद ने कहा, “इस बात पर अधिक जोर नहीं दिया जा सकता है कि कांग्रेस अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। हम 2014 और 2019 में हारे… 2014 से 49 विधानसभा चुनावों में से हम 39 चुनाव हार गए हैं। हम केवल चार चुनाव जीत सके हैं। हम वास्तव में एक बेहद गंभीर स्थिति देख रहे हैं।”

मनीष तिवारी ने कहा, “हर राजनीतिक पार्टी या हर राजनीतिक आंदोलन अंततः एक विचार है। और कांग्रेस का विचार जो 1885 जितना पुराना है, विलुप्त होता नजर आ रहा है। किसी भी राजनीतिक संगठन में पांच आवश्यक चीजें होती हैं- आइडिया, लीडरशिप, नरैटिव, संगठन और संसाधनों तक पहुंच।”

कांग्रेस सांसद ने कहा, “जिस नेतृत्व ने 1998 से 2017 तक सोनिया गांधी के रूप में हमारा नेतृत्व किया है, वह शायद अभी भी कांग्रेस के एक बड़े हिस्से के लिए सबसे स्वीकार्य नेतृत्व है। लेकिन फिर सोनिया गांधी को अपने पुराने अंदाज में वापस आना चाहिए और जवाबदेही के सिद्धांत को लागू करना शुरू कर देना चाहिए, जो दुर्भाग्य से 2017 से गायब है।”