डेढ़ महीने से जारी हिंसा के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर के लिए रवाना हो गए हैं। वह गुरुवार (29 जून, 2023) को दिल्ली से मणिपुर के लिए रवाना हो चुके हैं और दो दिन यहीं रहेंगे। वह यहां स्थानीय लोगों से बात करके यहां की स्थिति का जायजा लेंगे। कूकी और मैतई समुदायों के बीच जारी हिंसा के कारण अभी तक राज्य में 120 लोगों की जान जा चुकी है।
राहुल गांधी 29 और 30 जून को मणिपुर में रहकर इम्फाल और चुराचंदपुर में राहत शिविरों का दौरा करेंगे और लोगों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान, वह कूकी और मैतई समुदाय के लोगों से भी मुलाकात कर सकते हैं। सबसे ज्यादा हिंसात्मक घटनाएं चुराचंदपुर में देखने को मिली हैं। पिछले महीने के आखिर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यहां का दौरा किया था और दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों और समूहों से बात की थी। उनसे मुलाकात के बाद कुछ दिन माहौल शांत रहा, लेकिन अब फिर से तनाव बढ़ गया है।
कांग्रेस नेताओ ने बताया कि मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे पर राहुल गांधी राहत शिविरों में लोगों से मुलाकात करेंगे और नागरिक संगठनों से भी बातचीत करेंगे। राज्य में जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद राहुल गांधी पहली बार मणिपुर जा रहे हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इम्फाल पहुंचने के बाद राहुल गांधी चुराचांदपुर जिले जाएंगे और रिलीफ कैंप्स का दौरा करेंगे। इसके बाद वह विष्णुपुर जिले में मोइरांग जाएंगे और विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे।
दौरे के अगले दिन शुक्रवार को राहुल गांधी इम्फाल में नागरिक संगठनों से भी बातचीत करेंगे। मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50 हजार लोग रह रहे हैं। मणिपुर में मैतई और कूकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में अy तक 120 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मैतई समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इम्फाल घाटी में रहती है। वहीं, नागा और कूकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह पर्वतीय जिलों में रहती है।