मणिपुर में शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है पर राज्य में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। वहीं, मणिपुर में हिंसा की आग दिल्ली तक पहुंच गई। दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस इलाके में रहने वाले कूकी छात्रों के एक समूह ने आरोप लगाया कि उन पर गुरुवार की रात मेइती के एक समूह ने हमला किया था। शुक्रवार को छात्रों ने दावा किया कि उन्होंने मौरिस नगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करने की कोशिश की। जब पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया तो छात्रों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
मणिपुर परीक्षा केन्द्रों के लिए NEET (UG) -2023 की परीक्षा स्थगित
पुलिस ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है और इस सिलसिले में कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है। मणिपुर में हिंसा को देखते हुए आरएएफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित अर्धसैनिक बलों की 14 कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है।
वहीं, दूसरी ओर NEET (UG) -2023 की परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए स्थगित कर दी गई जिन्हें मणिपुर में परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए थे। उनकी NEET (UG) -2023 परीक्षा बाद की तारीख में आयोजित की जाएगी। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को पत्र लिखकर मणिपुर की स्थिति को देखते हुए परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था।
मणिपुर हिंसा में 54 की मौत
वहीं, मणिपुर में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इंफाल घाटी में शनिवार को जनजीवन सामान्य नजर आया और ज्यादातर दुकानें तथा बाजार फिर से खुले, सड़कों पर वाहन भी नजर आए। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर सभी प्रमुख क्षेत्रों और सड़कों पर सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों, त्वरित कार्य बल (RAF) और केंद्रीय पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि 54 मृतकों में से 16 शव चुराचांदपुर जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं जबकि 15 शव इंफाल पूर्वी जिले में जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में रखे हुए हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।
