मणिपुर में हालात अभी सही नहीं हैं और विस्थापित परिवारों के रहने के लिए सरकार कैंप बनवा रही है। राज्य के थौबल जिले (Thoubal district) में भी विस्थापित परिवारों के लिए अस्थायी आश्रय गृहों का निर्माण किया जा रहा है। बता दें कि महिलाओं के साथ हुई बर्बरता का वीडियो वायरल होने के बाद हालात और चिंताजनक हो गए। केंद्र भी मणिपुर सरकार से पल-पल की जानकारी ले रहा है।

शेल्टर होम में किए जा रहे हैं ये इंतजाम

अस्थायी आश्रय गृहों के निर्माण को लेकर मणिपुर पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अधीक्षण अभियंता पी ब्रोजेंद्र सिंह (P Brojendra Singh) ने कहा कि मैं विस्थापित परिवारों के लिए बनाए जा रहे इन अस्थायी आश्रय गृहों का प्रभारी हूं उन्होंने बताया कि यह काम 4 जुलाई को शुरू हुआ था और अब तक 30-35% तक काम पूरा हो चुका है। यहां कुल 800 परिवारों को रखा जा सकता है। हम 50 परिवारों के लिए एक कंबाइंड शौचालय और एक कंबाइंड किचन भी बना रहे हैं।

बता दें कि मणिपुर में हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। कुकी और मैतेई समाज के लिए अलग-अलग राहत शिविर बनाए गए हैं। इन राहत शिविरों में सामान्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। हालांकि लोग अब राहत शिविर में नहीं रहना चाहते बल्कि लोग शांति चाहते हैं और अपने घर लौटना चाहते हैं।

मणिपुर में जब महिलाओं के साथ हुई बर्बरता का वीडियो वायरल हुआ, तो पूरे देश में तूफान मच गया। सोशल मीडिया पर लोग मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह का इस्तीफा मांगने लगे। केंद्र ने भी इस मुद्दे का संज्ञान लिया और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर बयान दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सभी राज्य महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर कड़ी कार्रवाई करें।

मणिपुर संघर्ष के लिए कांग्रेस जिम्मेदार: असम सीएम

वहीं मणिपुर में हो रही हिंसा पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए पूर्व कि कांग्रेस और यूपीए सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं।