कोरोना वायरस माहमारी के बीच सियासी जोड़ तोड़ जारी है। मणिपुर में बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार पर सियासी संकट के बादल छाने लगे हैं। बुधवार को राज्य में बीजेपी के तीन विधायकों ने  बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इसके अलावा ए बिरने सिंह वाली भाजपा सरकार से 6 विधायकों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है। मौजूदा घटनाक्रम के बाद राज्य की एनडीए सरकार के पास अब 30 विधायक बचे हैं।

60 सदस्यों वाली विधान सभा में फिलहाल 59 विधायक हैं। श्याम कुमार सिंह को कांग्रेस से बीजेपी में जाने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था। भाजपा के तीन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के साथ अब विधानसभा में 24 सदस्य हैं, हालांकि पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने दावा किया कि पार्टी की प्रभावी ताकत अब 27 है।

2017 में मणिपुर के विधानसभा चुनावों मे कांग्रेस को 60 सीटों में 28 सीटें मिली थी और पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। वहीं, भाजपा के 21 विधायक थे।राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने दिलचस्प रूप से भाजपा को अगली सरकार बनाने का दावा करने के लिए आमंत्रित किया था।

भाजपा सभी गैर-कांग्रेसी विधायकों – भाजपा (21), नागा पीपुल्स फ्रंट (4), नेशनल पीपुल्स पार्टी (4), टीएमसी (1), लोजपा (1), 1 निर्दलीय के समर्थन में सरकार बनाने में कामयाब रही थी।