लोकसभा में हाल ही में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री के दिए एक बयान पर मणिपुर के कुकी विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई है। राज्य के दस विधायकों ने कहा कि गृहमंत्री का बयान बहुत ही गैरजिम्मेदाराना था। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने बयान में कहा था कि राज्य में जातीय हिंसा की वजह म्यांमार से आ रहे शरणार्थी और अवैध घुसपैठिए हैं।

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने भी बयान पर जताई चिंता

विधायकों ने अमित शाह से अवैध घुसपैठियों का ब्यौरा और हिंसा में उनके शामिल होने के सबूत भी मांगे। जिन दस कुकी विधायकों ने गृहमंत्री के बयान की आलोचना की है उनमें से सात विधायक भाजपा के ही हैं। इनके अलावा इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के सदस्यों ने भी गृहमंत्री के बयान की निंदा की है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक कुकी विधायकों ने राज्य में म्यांमार से आने वाले कथित अवैध घुसपैठियों के बारे में गृहमंत्री से जानकारी मांगी।

साल 2021 में म्यांमार में तख्ता पलट की वजह से सत्ता परिवर्तन हुआ था

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा को बताया कि साल 2021 में म्यांमार में तख्ता पलट की वजह से सत्ता परिवर्तन हुआ। इसके बाद वहां मिलिट्री का शासन आ गया। वहां एक कुकी डेमोक्रेटिक फ्रंट है, उसने वहां पर लोकतंत्र के लिए आंदोलन शुरू कर दिया। इस पर वहां के मिलिट्री शासन ने इनपर कड़ाई करना शुरू किया। 

अमित शाह ने बताया कि वहां का बॉर्डर फ्री बॉर्डर है। वहां फेंसिंग नहीं है। इसलिए वहां से कुकी भाइयों ने भारत आना शुरू कर दिया। हजारों की संख्या में कुकी आदिवासी यहां आ गए। गृहमंत्री के मुताबिक इन शरणार्थियों के घाटी के जंगलों में बसने से वहां अचानक डेमोग्राफी में बदलाव आ गया।

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (ITLF) ने बयान जारी करके कहा कि राज्य में तीन महीने से चल रही हिंसा में 130 से अधिक कुकी लोगों की जानें जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कुल 44,425 आदिवासियों को विस्थापित होने को विवश होना पड़ा। उन्होंने कहा कि मेतई और आदिवासी उनको परेशान कर रहे हैं।