मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को इंफाल में एनडीए विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस मीटिंग में चार विधायक शामिल नहीं हुए। अब इन विधायकों ने बैठक के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया है और ऐसे कठिन समय में जब राज्य सरकार कॉन्फिडेंस क्राइसिस से जूझ रही है इसे इमेज बिल्डिंग की कोशिश बताकर खारिज कर दिया है।
सत्तारूढ़ भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा, “बैठक का घोषित एजेंडा ‘राज्य की कानून व्यवस्था की समीक्षा करना’ था। ऐसे में मुख्यमंत्री को डीजीपी, सुरक्षा सलाहकार, सीआरपीएफ और असम राइफल्स के आईजी और मुख्य सचिव सहित के साथ बैठक बुलानी चाहिए थी। विधायकों की बैठक से इसमें क्या हासिल होने वाला है?”
वरिष्ठ भाजपा विधायक ने कहा, “बैठक में पारित प्रस्ताव का कानून और व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है। केवल शांति वापस लाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है और इसका उससे कोई लेना-देना नहीं है।” बैठक में शामिल न होने वाले एक अन्य भाजपा विधायक ने सीएम बीरेन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, “उनकी मंशा अच्छी नहीं है इसलिए संकट जारी है। इसे दोनों पक्षों के बीच बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।”
विधायकों का आरोप- मीटिंग में हमसे कभी प्रस्ताव या सुझाव नहीं मांगे जाते
विधायक ने कहा, “हम संघर्ष की शुरुआत से लेकर अब तक सीएम द्वारा बुलाई गई ऐसी कई बैठकों में शामिल हुए हैं। हमें बुलाया जाता है, साथ बैठते हैं, तस्वीरें ली जाती हैं, साइन इकट्ठा किए जाते हैं और तस्वीरें दिल्ली ले जाई जाती हैं। पर, हमसे कभी प्रस्ताव या सुझाव नहीं मांगे जाते इसलिए हम शामिल नहीं हुए। अगर सदन के नेता के तौर पर स्पीकर विधायकों की बैठक बुलाते हैं, तो हम जाएंगे। अभी पिछले दिन ही कैबिनेट की बैठक हुई थी। उसके बाद, इसका क्या उद्देश्य था?”
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बैठक में उपस्थित नहीं होने वाले विधायकों की लिस्ट जारी करने पर उठाया सवाल
संयोगवश, विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत सिंह भी उन लोगों में शामिल थे जो बैठक में शामिल नहीं हुए, हालांकि उन्होंने इसके बारे में पहले ही सूचित कर दिया था। मीटिंग में उपस्थित नहीं रहने वाले एक अन्य भाजपा विधायक ने बैठक में उपस्थित नहीं होने वाले विधायकों की सूची जारी करने के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया।
विधायक ने कहा, “उनकी (बीरेन सिंह की) स्थिति असुरक्षित है और यह दिखाता है। बैठक का प्रस्ताव साझा करना एक बात है लेकिन वह किसे समझा रहे हैं कि कौन आया, कौन अनुपस्थित रहा, कौन छुट्टी लेकर गया, जैसे कि हम स्कूल के बच्चे हैं।” विधायक ने इस दावे पर भी सवाल उठाया कि बिना सूचना दिए अनुपस्थित रहने वाले विधायकों को नोटिस जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें नोटिस नहीं मिला है।
बैठक में शामिल नहीं होने वालों के नाम की लिस्ट जारी
दरअसल, सोमवार को मीटिंग खत्म होने के तुरंत बाद, एक बुकलेट जारी की गई थी जिसमें बैठक में पारित प्रस्ताव के साथ-साथ 26 विधायकों के नाम और हस्ताक्षर शामिल थे। इसमें बीरेन सिंह का नाम और साइन शामिल नहीं था। दो अतिरिक्त सूचियों में 18 विधायकों के नाम थे जो बैठक में मौजूद नहीं थे।