मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राज्य के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को मणिपुर के राज्यपाल से मुलाकात की। इसके साथ ही उन्होंने मोइरांग शहर में राहत शिविरों का दौरा किया।
मणिपुर को शांति की जरूरत- राहुल गांधी
राज्यपाल से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर को शांति की जरूरत है। मैं राहत शिविर में गया और हर समुदाय के लोगों से मिला। राहत शिविरों में दवाई, खाने की कमी है जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। मेरी मणिपुर के हर व्यक्ति से अपील है कि शांति बनाए रखें। मैं यहां मौजूद हूं और जो शांति कि लिए कर सकता हूं वह करूंगा।
वहीं, सीएम बीरेन सिंह ने भी आज राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। सुबह अटकलों के बाद, मणिपुर सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इस्तीफा नहीं देंगे। दरअसल, सीएम सिंह के राज्यपाल से मिलने की खबरों से अटकलें तेज हो गईं थी कि वह पद छोड़ सकते हैं।
विपक्ष ने की सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग
मणिपुर में पिछले 58 दिनों से जारी हिंसा का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री राज्य में हिंसा का दौर रोकने में पूरी तरह विफल रहे हैं लिहाजा उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और केंद्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। विपक्ष के हमले के बीच रविवार को ही सीएम एन बीरेन सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
शनिवार को ही मणिपुर की स्थिति को लेकर गृहमंत्री शाह ने 18 पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक की थी। बैठक में सपा और आरजेडी ने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी, साथ ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी उठाई थी।
मणिपुर के राज्यपाल से मिलेंगे राहुल गांधी
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिन से मणिपुर के दौरे पर हैं और लगातार राहत शिविरों में जाकर प्रभावितों से मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान इंफाल में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राज्य की दुखद स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। हम राज्यपाल से मिलने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि शिविरों में बहुत सारी कमियां हैं इसलिए राहुल गांधी राज्यपाल से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। हम समय मांग रहे हैं, दोपहर के करीब एक-डेढ़ बजे दोनों की मुलाकात हो सकती है।
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद यह हिंसक झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है।
