जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में रविवार को लागू प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को जारी एक अधिसूचना में जानकारी दी गई कि रविवार को दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा-144 के तहत ढील दी जाएगी। वहीं, दूसरी ओर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में जातीय हिंसा में बाहरी ताकतों का हाथ हो सकता है।

इंफाल पश्चिम के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, “इंफाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में आम लोगों के घरों से बाहर निकलने पर लगाए गए प्रतिबंध में 2 जुलाई को सुबह पांच बजे से शाम 6 बजे तक ढील दी जाएगी।” अधिसूचना के मुताबिक, जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। इसमें कहा गया है कि लोगों को दवाओं और भोजन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की सुविधा देने के लिए भी प्रतिबंध में ढील देना आ‍‍वश्यक है।

हिंसा में हो सकता है बाहरी ताकतों का हाथ- बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को संकेत दिया कि राज्य में जातीय हिंसा में बाहरी तत्वों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व नियोजित लगता है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ इंटरव्यू में सीएम बीरेन सिंह ने कहा, “मणिपुर की सीमा म्यांमार के साथ लगती है। चीन भी पास में है। हमारी 398 किलोमीटर की सीमाएं असुरक्षित हैं। हमारी सीमाओं पर सुरक्षा बल तैनात हैं लेकिन यहां तक ​​कि एक मजबूत और व्यापक सुरक्षा तैनाती भी इतने बड़े क्षेत्र को कवर नहीं कर सकती है।”

उन्होंने कहा कि हालांकि, जो हो रहा है उसे देखते हुए हम न तो इनकार कर सकते हैं और न ही दृढ़ता से पुष्टि कर सकते हैं। यह पूर्व नियोजित लगता है लेकिन कारण स्पष्ट नहीं है।” CM ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार राज्य में शांति बहाल करने के लिए सभी प्रयास कर रही है, उन्होंने दिन में अपने कुकी भाइयों और बहनों से टेलीफोन पर बात की और कहा, “आइए माफ करें और भूल जाएं।” राज्य के लोगों से भावपूर्ण अपील में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनजातियों को एक साथ रहना होगा। उन्होंने कहा कि वह मणिपुर को जातीय आधार पर विभाजित नहीं होने देंगे।

म्यांमार की यात्रा पर रक्षा सचिव

मणिपुर में जारी तनाव के बीच, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, अवैध सीमा पार आंदोलनों और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए म्यांमार की दो दिवसीय यात्रा की।

रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, “इस यात्रा ने म्यांमार के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ भारत की सुरक्षा से संबंधित मामलों को उठाने का अवसर प्रदान किया।” बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि दूसरे के लिए शत्रुतापूर्ण गतिविधियों के लिए उनके संबंधित क्षेत्रों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।