बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाए जाने पर यूपी के सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वह 20 साल तक पार्टी में रहने से संतुष्ट हैं और पैनल में शामिल न होने से कद कम नहीं होता है।

उन्होंने कहा, मैं 20 साल तक भाजपा में रहने से संतुष्ट हूं। कार्यकारिणी में न होने से किसी का कद कम नहीं होता। मेरा पहला धर्म सेवा करना है। ज्यादा जरूरी है कि मुझे लोगों के दिलों में जगह मिले।

बता दें कि मेनका गांधी अपने संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर में दो दिवसीय दौरे पर हैं। इसी दौरान रविवार की शाम मेनका से पत्रकारों ने सवाल किया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उन्हें जगह क्यों नहीं दी गई।

इस पर उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी में और भी सीनियर लोगों को जगह नहीं दी गई है, नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। मैं अपने काम को लेकर पूरी तरह सजग हूं और सेवा करना मेरा पहला धर्म है। मेनका ने कहा कि जनता के दिल में मुझे जगह मिले, मेरे लिए ये अहम है।

बता दें कि हालही में बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची जारी की थी। इस सूची में मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का नाम नहीं था।

मेनका गांधी सुल्तानपुर से सांसद हैं और वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद हैं। मेनका गांधी, मोदी मंत्रिमंडल में पहली बार केंद्रीय मंत्री बनी थीं, लेकिन जब वह दूसरी बार सुल्तानपुर से चुनाव जीतकर सदन में पहुंचीं तो उन्हें मंत्री पद नहीं मिला।

बता दें कि मेनका गांधी के बयान अक्सर विवादों में रहते हैं। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नाम ना होने पर कहा था कि ये कोई बड़ी चीज नहीं है और ना ही इससे कोई फर्क पड़ता है। मैं 25 साल से कार्यकारिणी में हूं, अगर उसमें कुछ बदलाव हुआ है, तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।

इस बदलाव पर मेनका ने कहा था कि नए लोगों को मौका मिलना चाहिए, ये कोई चिंता की बात नहीं है।

बता दें कि बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति का काम मुद्दों पर चर्चा करना और संगठन के कामकाज की भूमिका तय करना है।

7 अक्टूबर को बीजेपी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति की घोषणा की थी। इसमें मेनका और उनके बेटे वरुण समेत कई नेताओं का नाम नहीं था। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं।