बंगाल चुनावः अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद व्हील चेयर पर बैठकर अपने पहले रोडशो में ममता ने कहा कि बंगाल के खिलाफ साजिश रची जा रही है। इसके खिलाफ सभी लोगों को एकजुट होकर लड़ना होगा। उनका कहना था कि वह लोगों के पास जाए बिना नहीं रह सकतीं। ममता ने कहा कि विरोधी याद रखें कि घायल शेरनी ज्यादा खतरनाक होती है। इससे पहले ममता ट्वीट कर कहा वह अभी तक बहुत ज्यादा पीड़ा महसूस कर रही हैं, लेकिन जनता का दर्द मेरे दर्द से ज्यादा है। इसे वह शिद्दत से महसूस कर रही हैं। ममता ने कहा कि अपनी धरती को बचाने के लिए उन्होंने बहुत दर्द झेला है। वह इससे भी ज्यादा दर्द सहने की क्षमता रखती हैं, लेकिन किसी भी सूरत में कायरों के सामने घुटने नहीं टेकने जा रहीं।

चुनाव आयोग ने कहा- नंदीग्राम में CM पर हमले का नहीं मिला सबूत

ममता बनर्जी को लगी चोट पर चुनाव आयोग ने कहा है कि नंदीग्राम में CM पर हमले का सबूत नहीं मिला है। उन्हें एक हादसे की वजह से चोट लगी। चुनाव आयोग ने इस सिलसिले में बंगाल के मुख्य सचिव से विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। हालांकि पहली बार में रिपोर्ट से असंतुष्टि जताते हुए आयोग ने अधिकारी को कहा था कि फिर से सिलसिलेवार रिपोर्ट तैयार की जाए। उसके बाद आयोग के पास एक संशोधित रिपोर्ट भेजी गई थी। चुनाव पर्यवेक्षकों, राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर ईसी सूत्रों ने कहा कि ममता बनर्जी को जो चोटें आईं हैं वह सुरक्षा कर्मियों की चूक का परिणाम है

बंगाल सरकार की ओर से चुनाव आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नंदीग्राम में 10 मार्च को ममता बनर्जी को कार के दरवाजे से चोट लगी। हालांकि, इसमें यह नहीं कहा गया है कि कार का दरवाजा उनकी पैर पर कैसे लगा। चुनाव आयोग के मुताबिक, सरकार की रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया गया है कि चोट कैसे लगी। ध्यान रहे कि 10 मार्च को ममता ने कुछ लोगों पर हमले का आरोप लगाया था।

विशेष पर्यवेक्षकों का दावा- जब चोट लगी, पुलिस सुरक्षा में थीं सीएम

उधर, चुनाव आयोग ने विशेष पर्यवेक्षकों विवेक दुबे और अजय नायक से भी रिपोर्ट मांगी थी। विशेष पर्यवेक्षकों ने सीएम ममता पर हमले की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। पर्यवेक्षकों ने चुनाव आयोग को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि हमले का कोई सबूत नहीं मिला है। जिस समय ममता को चोट लगी उस समय वह भारी पुलिस सुरक्षा में थीं। ऐसे में कोई उन्हें कैसे नुकसान पहुंचा सकता था।

गौरतलब है कि बीजेपी और कांग्रेस ने ममता बनर्जी की चोट को सहानुभूित पाने के लिए नाटक बताया है। दूसरी तरफ सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता इस घटना के लिए बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं। बंगाल में 8 चरणों के तहत 27 मार्च, एक अप्रैल, छह अप्रैल, दस अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को अलग-अलग क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे। प्रदेश में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं।

तीसरी बार टला टीएमसी के चुनाव घोषणा पत्र जारी करने का कार्यक्रम

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करने के कार्यक्रम को रविवार को तीसरी बार टाल दिया। हालांकि, कार्यक्रम स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रविवार शाम को अपने कालीघाट स्थित आवास पर पार्टी का घोषणापत्र जारी करने का कार्यक्रम था।

एक नेता ने कहा, घोषणा पत्र जारी करने के कार्यक्रम को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है। उल्लेखनीय है कि टीएमसी ने कहा था कि वह नौ मार्च को घोषणा पत्र जारी करेगी लेकिन कोलकाता में आग की घटना और नौ लोगों की मौत के बाद पार्टी ने इस कार्यक्रम को 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। 10 मार्च को नंदीग्राम में मुख्यमंत्री बनर्जी पर हुए कथित हमले की पृष्ठभूमि में गत बृहस्पतिवार को भी घोषणा पत्र जारी नहीं किया।