Mamata Banerjee : पूर्वोत्तर से आए चुनावी नतीजे तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। त्रिपुरा में तो पार्टी खाता तक खोलने में नाकाम रही है। वहीं मेघालय में सिर्फ पांच सीट टीएमसी के खाते में आ पाई हैं। ऐसे में टीएमसी प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का राष्ट्रीय नेता बनने का ख्वाब अब टूटता सा नजर आ रहा है।
टीएमसी ने मेघालय की बड़ी बंगाली आबादी को साधने के पूरे प्रयास किए थे। इससे पहले टीएमसी ने गोवा में हाई-प्रोफाइल अभियान दिखाया था लेकिन अंजाम फ्लॉप रहा था। पश्चिम बंगाल की सागरदिघी सीट पर हुए उपचुनाव में भी वाम समर्थित उम्मीदवार की जीत ने ममता बनर्जी को झटका दिया है।
इन नतीजों के बाद ममता बनर्जी की ओर से दिया गया बयान भी इस ओर संकेत देता है कि राष्ट्रीय नेता बनने का उनका सपना क्यों टूटता हुआ नजर आ रहा है। ममता बनर्जी ने कहा कि 2024 के चुनावों में टीएमसी अकेले चुनावी मैदान में जाएगी। उन्होने कहा “2024 का चुनाव हम अकेले लड़ेंगे, हम लोगों के समर्थन से लड़ेंगे। मेरा मानना है कि जो लोग भाजपा को हराना चाहते हैं वे निश्चित रूप से टीएमसी को वोट देंगे”
बहुत जरूरी था पूर्वोत्तर में बेहतर प्रदर्शन
टीएमसी के नेताओं, कार्यकर्ताओं को पूर्वोत्तर के चुनावों में बेहतर नतीजों की उम्मीद थी। पार्टी के सूत्र कहते हैं, ममता बनर्जी को राष्ट्रीय चेहरा बनाने के लिए यह जरूरी था कि पार्टी इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करती। 2021 के विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में सत्ता में वापस आने के बाद से पार्टी इस सफलता के लिए प्रयास कर रही थी।
त्रिपुरा में टीएमसी का वोट शेयर 0.88 प्रतिशत था जबकि नोटा 1.36 प्रतिशत था। टीएमसी को त्रिपुरा में 2021 के स्थानीय चुनावों में 17 प्रतिशत वोट मिले थे। मेघालय में,पार्टी को 5 सीटें और 13.7 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस से दल-बदल के बाद 0 से 12 विधायक हो गए थे।
शुभेंदु अधिकारी ने किया तंज
टीएमसी से भाजपा में गए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी को अपनी चुनावी हार के बाद अब अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी खो देना चाहिए। बीजेपी नेता ने ट्वीट किया, “टीएमसी सबसे भ्रष्ट क्षेत्रीय पार्टी है।”