पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री बृत्या बासू को सूबे के राज्यपाल सीवी आनंदा बोस जेम्स बॉन्ड की तरह से नजर आते हैं। दरअसल मंत्री को राज्यपाल के उस फैसले पर आपत्ति है जिसमें उन्होंने बगैर ममता बनर्जी से सलाह किए कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नियुक्त कर दिया। मंत्री का कहना है कि इससे अच्छे तो मौजूदा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ थे। वो कम से कम सलाह मशविरा तो करते थे। लेकिन आनंदा बोस ऐसे काम कर रहे हैं जैसे जेम्स बॉन्ड करता था। वो चुपचाप फैसले करके सरकार के पास आगे बढ़ा देते हैं। वो सरकार ने मशिवरा करना भी उचित नहीं समझते।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, एमएकेएयूटी और बर्दवान विश्वविद्यालय सहित सात विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की है। प्रोफेसर राज कुमार कोठारी को प. बंगाल राज्य विवि का अंतरिम वीसी नियुक्त किया गया है। रवींद्र भारती विवि के अंतरिम वीसी जस्टिस शुभ्रकमल मुखर्जी को प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय का भी प्रभार सौंपा गया है। प्रोफेसर देबब्रत बसु को उत्तर बंग कृषि विवि, प्रोफेसर तपन चंदा को मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विवि, प्रोफेसर गौतम चक्रवर्ती को बर्दवान,प्रोफेसर इंद्रजीत लाहिड़ी को नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी और प्रोफेसर श्याम सुंदर दाना को पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विवि का अंतरिम वीसी नियुक्त किया गया है।

नवंबर 2022 में प. बंगाल के गवर्नर बने थे आनंदा बोस

नवंबर 2022 में डॉक्टर सीवी आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उनसे पहले भारत के मौजूदा उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उप-राष्ट्रपति धनखड़ के पद छोड़ने के बाद से मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे।

आनंद बोस का जन्म 1951 में केरल के कोट्टायम जिले में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में बैंक में काम किया था। डॉक्टर बोस ने बिट्स पिलानी से पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद 1977 में भारतीय सिविल सेवा जॉइन की। नौकरशाह के रूप में उन्होंने केरल समेत कई राज्यों में शीर्ष पदों को संभाला। वो केरल के मुख्यमंत्री के करुणाकरण के सचिव रहे थे। वो केंद्र सरकार में भी कई विभागों में रह चुके हैं।