लोकसभा के नए अध्यक्ष ओम बिरला ने पद संभालने के साथ ही लोकसभा में कामकाज के तरीकों में बड़ा बदलाव करने की शुरुआत कर दी है। इस बदलाव के तहत नए सांसदों को लोकसभा में बोलने के लिए भरपूर मौका देना शामिल है। ओम बिरला राज्य विधानसभाओं की बैठकों की कम होती संख्या से भी चिंतित हैं। खबर है कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र होने के बाद ओम बिरला सभी राज्य विधानसभा अध्यक्षों की एक बैठक बुलाने जा रहे हैं, जिसमे वो आग्रह करेंगे कि राज्य विधानसभाओं की बैठकों की संख्या बढ़ायी जाए।

सूत्रों के अनुसार, ओम बिरला ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता मौजूदा सत्र में सदन को ठीक तरह से चलाने की है। इसके लिए वह विपक्षी सांसदों से भी लगातार मिल रहे हैं। टीएमसी सांसदों ने भी ओम बिरला से मुलाकात की और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक पत्र सौंपा। बताया जा रहा है कि इस पत्र में ममता बनर्जी ने ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई दी है। ममता बनर्जी ने लोकसभा अध्यक्ष को प्रसिद्ध बंगाली मिठाई संदेश का एक डिब्बा भी भिजवाया है।

कोटा से दूसरी बार से सांसद चुने गए ओम बिरला संसद में कार्यवाही के दौरान नए सांसदों को खूब मौका दे रहे हैं। अब तक करीब सौ नए सांसदों को शून्यकाल में बोलने का मौका मिल चुका है। नए सांसद इस बात से बेहद खुश बताए जा रहे हैं। सांसदों को मौका देने के लिए ओम बिरला शून्यकाल का समय बढ़ाने से भी नहीं हिचकिचाए हैं। कुछ मौकों पर लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को बोलने का मौका देने के लिए अपना दोपहर का भोजन भी टाल दिया है। ओम बिरला विपक्षी सांसदों को भी बोलने का पूरा मौका दे रहे हैं। प्रश्नकाल में सांसदों को प्रश्न और मंत्रियों को उत्तर छोटे और सटीक रखने को कहा जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा सवालों का जवाब मिल सके।