पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को ईद के मौके पर कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को ईद की मुबारकबाद दी और सभी समुदायों में भाईचारे और एकता की बात की। ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि त्याग का नाम है हिंदू, ईमान का नाम है मुसलमान, प्यार का नाम है ईसाई, सिखों का नाम है बलिदान, ये है हमारा प्यारा हिंदुस्तान। इसकी रक्षा हम लोग करेंगे। इस दौरान ममता बनर्जी ने नया नारा ‘जो हमसे टकराएगा, वो चूर-चूर हो जाएगा’ भी दिया। हालांकि फिल्म अभिनेत्री और राजनैतिक मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखने वाली कोइना मित्रा ममता बनर्जी के उक्त बयान से थोड़ी नाराज नजर आयीं।

कोइना मित्रा ने ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘त्याग माई फुट! त्याग और बलिदान नहीं करेंगे हिंदू और सिख। आप ईमान के नाम पे अवैध अप्रवासियों को बाहर करिए, देश उनका नहीं है!!’ अपने इस ट्वीट के साथ कोइना मित्रा ने ममता बनर्जी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट, टीएमसी, बंगाल बीजेपी और बाबुल सुप्रियो को भी टैग किया। बता दें कि कोइना मित्रा कई बार सोशल मीडिया के जरिए ममता बनर्जी और टीएमसी पर निशाना साध चुकी हैं। बीती 23 मई को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे, जिसमें भाजपा को प्रचंड जीत मिली थी। नतीजे सामने आने के बाद ममता बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा था कि सभी विजेताओं के बधाई, लेकिन सभी हारे हुए नेता नकारा नहीं हैं। हमें इसकी समीक्षा करनी होगी और उसके बाद हम अपने विचार आपस में साझा करेंगे। ममता बनर्जी के इस ट्वीट पर कोइना मित्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ममता बनर्जी के चेहरे पर लोकतंत्र का जोरदार तमाचा पड़ा है। आपके दिन पूरे हो गए हैं!! खून की होली अब काफी हो गई।

इससे पहले भी कई बार कोइना मित्रा टीएमसी को निशाने पर ले चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि बुधवार को कोलकाता के कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने अपने समर्थकों से ये भी कहा कि ‘डरने की जरुरत नहीं है। मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूर-ए-खुदा होता है। ममता बनर्जी ने कहा कि कई बार जब सूरज निकलता है तो उसकी किरणें बहुत तेज होती हैं, लेकिन बाद में वह कमजोर पड़ जाती हैं। इसलिए घबराएं नहीं, जितनी तेजी से वो ईवीएम पर कब्जा करेंगे, उतनी ही तेजी से वह भागेंगे।’ बंगाल में इन दिनों राजनैतिक रस्साकशी का दौर चल रहा है। लोकसभा चुनावों में प्रदेश की 42 सीटों में से 18 सीटें जीतने के बाद भाजपा के हौंसले बुलंद हैं, वहीं टीएमसी भी अपनी हार की समीक्षा में जुटी है।