West Bengal: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर पिछले लंबे वक्त से केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगाती रही है। इसके बावजूद बीजेपी को लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले 12 सीटें मिली हैं और 6 सीटों का नुकसान हुआ है। ऐसे में पार्टी की हालत राज्य में खराब है और अब सीएम ममता बनर्जी बीजेपी को और कमजोर करने के लिए उसी की पिच पर बैटिं कर सकती हैं, क्योकि अगले महीने वह एक हिंदू मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने वाली हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले महीने हिंदुत्व रथ पर नजर आ सकती हैं, क्योंकि वह जुलाई के पहले हफ्ते में पूर्वी मेदिनीपुर जिले के तटीय शहर दीघा में भव्य जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन करने वाली हैं। राज्य सरकार के सूत्र बताते हैं कि 7 जुलाई से शुरू होने वाले रथ यात्रा उत्सव के पहले दिन सीएम नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन कर सकती हैं।

तैयार हो चुका है भगवान जगन्नाथ का मंदिर

जानकरी के मुताबिक भगवान जगन्नाथ का यह मंदिर मेदिनीपुर तैयार हो चुकी है लेकिन उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा हरी झंडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि सीएम रथ यात्रा उत्सव के दौरान ही मंदिर का उद्घाटन कर सकती है लेकिन अभी तारीख की कोई घोषणा नहीं की गई है, इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से औपचारिक तौर घोषणा का इंतजार है।

गौरतलब है कि मेदिनीपुर में बना ये भगवान जगन्नाथ मंदिर पश्चिम बंगाल हाउसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा 145 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। मंदिर परिसर न्यू दीघा रेलवे स्टेशन से सटे समुद्री तट पर 22 एकड़ में फैला हुआ है। इसकी डिजाइनिंग और इंटीरियर का काम कोलकाता स्थित डिजाइन स्टूडियो ने किया है। मंदिर ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति के रूप में बनाया गया है।

2019 में सीएम ममता बनर्जी ने रखी थी आधारशिला

जगन्नाथ धाम सीएम ममता बनर्जी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है, उन्होंने 2019 में ही इस मंदिर की आधारशिला रखी थी, तब उन्होंने दावा किया था कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर जैसी ही भीड़ यहां मेदिनीपुर में भी जुटेगी। सीएम ने उस दौरान कहा था कि समुद्री किनारा होने की वजह से पर्यटक पुरी की तरह ही सभी सुविधाओं का यहां भी आनंद ले सकेंगे।

गौरतलब है कि बंगाली हिंदू परिवारों के बीच भगवान जगन्नाथ के प्रति द गहरी आस्था रही है, क्योंकि 12वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु पुरी के जगन्नाथ मदिर गए थे, इसलिए तब से ही बंगाली हिंदू परिवारों में प्रभु जगन्नाथ के प्रति गहरी आस्था रही है। पूरे बंगाल में जगन्नाथ जी की रथयात्रा उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।