लोकसभा चुनाव के लिहाज से पश्चिम बंगाली 42 सीटें मायने रखती हैं। यहां जो भी पार्टी ज्यादा बड़ी जीत दर्ज करेगी, उसकी दिल्ली राह उतनी ही आसान मानी जाएगी। लेकिन इस अहम राज्य में इंडिया गठबंधन ही तकरार का शिकार हो गया है। ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच में एक नहीं बन रही है। इसके ऊपर शुक्रवार को सीएम की तरफ से देश की सबसे पुरानी पार्टी को एक अल्टीमेटम भी दे दिया गया है।

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे शंका है कि अगर कांग्रेस 40 सीटें भी जीत पाएगी। मैं तो फिर भी दो सीटें दे रही थी, वो जीत भी जाते। लेकिन उन्हें और ज्यादा सीटें चाहिए थीं। मैंने कहा ठीक है, सभी 42 सीटों पर लड़ लो। उसके बाद से उनसे कोई बातचीत नहीं हो रही है। बंगाल में उनकी यात्रा निकलने वाली थी, मुझे बताना भी जरूरी नहीं समझा गया है। मुझे प्रशासन से उसकी जानकारी मिली। उन्होंने डेरेक को बताया कि एक यात्रा निकलने वाली है।

ममता बनर्जी की तरफ से इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस को बनारस से चुनाव लड़कर दिखाना चाहिए। असल में वाराणसी से इस समय पीएम मोदी सांसद हैं, ऐसे में वहां से कांग्रेस को चुनौती देकर ममता आईना दिखाने का काम कर रही हैं। उन्हें इस बात की काफी नाराजगी है कि कई चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस में काफी ज्यादा घमंड है।

वैसे घमंड वाली बात तो कई दूसरे दल भी कर रहे हैं। इस समय उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव कांग्रेस को 11 से एक सीट भी ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं, जबकि पार्टी कम से कम 20 सीटों की डिमांड पर अडिग है। यहां तक कहा गया है कि सपा ने जो 16 सीटों पर उम्मीदवार जारी किए हैं, वहां कांग्रेस से कोई चर्चा नहीं की गई। इसी तरह दूसरे राज्यों में भी तल्खी का माहौल चल रहा है और इसी वजह से ये इंडिया गठबंधन बिखरता दिख रहा है।