पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अब बेहद कम समय रह गया है। इस बीच भाजपा और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राज्य में जीत दर्ज करने के इरादे से बड़े स्तर पर रैलियों का आयोजन शुरू कर दिया है। सीएम ममता बनर्जी लगातार पैदल यात्रा कर राज्यभर में पार्टी के कामों का प्रचार कर रही हैं, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा के लिए लगातार रैलियों में हिस्सा ले रहे हैं, जहां वे जय श्री राम के नारे भी लगवा रहे हैं। इन मुद्दों पर गुरुवार को एक कार्यक्रम में दोनों नेताओं से सवाल किए गए, जिसके बारे में उन्होंने कुछ मजेदार जवाब दिए।

क्या कहा ममता बनर्जी ने?: इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव-2021 ईस्ट में एंकर राहुल कंवल ने सीएम ममता बनर्जी से पूछा कि हमारे रिपोर्टर्स बता रहे थे कि आप हर रोज एक्सरसाइज करती हैं। आप कोशिश करती हैं कि हर दिन 22 किमी चलें। जब कोलकाता में आपने पैदल यात्रा की, तो हमारे रिपोर्टर्स थकान की शिकायत कर रहे थे। इस पर ममता बनर्जी ने कहा कि हम 7 से 9 बजे तक ट्रेडमिल पर चलते हैं। ट्रेडमिल पर ही हम काम भी करते हैं। वहीं पेपर भी पढ़ लेते हैं। उधर फोन पर भी बात हो जाती है, कोई मैसेज भी कर लेते हैं। कुछ सोचना है या पढ़ना है तो वो भी कर लेते हैं। हमने बजट ट्रेडमिल में चलते-चलते बजट बनाया था। वहां आइडिया आता है।

जब एंकर ने ममता बनर्जी से पूछा कि आपने ट्रेडमिल पर बजट कैसे बनाया, तो बंगाल सीएम ने कहा, “हम आपको सब बता देंगे, तो कई पूछेगा नहीं हमको। हमें आइडिया आता है, जब हम चलते हैं तो हमारा दिमाग भी चलता है। यह हर ऐक्शन का रिएक्शन की तरह है।”

शाह बोले- परिवर्तन का नारा है ‘जय श्री राम’: दूसरी तरफ इसी कार्यक्रम में जब गृह मंत्री अमित शाह से बंगाल की अपनी रैलियों में ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाने पर सवाल पूछा गया, तो शाह ने कहा कि जय श्री राम का नारा जो आक्रोश के साथ सुनाई देता है। वो आक्रोश ममता बनर्जी की सरकार की तुष्टिकरण की, अपीजमेंट की, वोट बैंक की राजनीति की इंतहा हो गई है, उसके खिलाफ है। यह नारा परिवर्तन का नारा है।

जब एंकर ने पूछा कि क्या यह नारा आप इसलिए लगाते हैं कि यह आपके दिल के करीब है या ममता बनर्जी चिढ़ती हैं इस नारे से इसलिए, तो शाह ने कहा कि नारे तभी बनते हैं जब जनता इसे स्वीकार करती है, वर्ना नेता तो बोलते रहते हैं। शाह ने कहा, “चुनाव और संस्कृति को क्यों अलग किया जाता है। संस्कृति हमारा चुनाव का मुद्दा है। हमारा चुनावी मुद्दा ही बंगाल का कल्चर है। क्या चुनाव सिर्फ आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दे पर ही लड़े जाएंगे।”