मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पांच दिन के भारत दौरे पर आए हैं। उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली है, उसमें कई अहम फैसले लिए जाने हैं। अब मुइज्जू का यह दौरा इसलिए अहम बन जाता है क्योंकि मालदीव में चुनाव के दौरान उन्होंने बड़े स्तर पर एंटी इंडिया कैंपेन चलाया था, उनकी तरफ से कई मुद्दों को लेकर भारत को घेरा गया। अब उतना सबकुछ होने के बाद उन्हें भारत से ही मदद की आस है, वे कह रहे हैं कि भारत हमारे आर्थिक संकटों से पूरी तरह अवगत है।

लगातार भारत आ रहे मुइज्जू

अब जानकारी के लिए बता दें कि वो चुनाव तो पिछले साल ही संपन्न हो चुके हैं, लेकिन उसके बाद से लगातार डैमेज कंट्रोल का काम राष्ट्रपति मुइज्जू कर रहे हैं। इससे पहले पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी उन्हें देखा गया था, तब भी उन्होंने शुभकामना संदेश देने का काम किया था। बाद में भी भारत को उन्होंने अपना करीबी और अच्छा दोस्त बताया। इसी कड़ी में अब वे फिर मदद की उम्मीद लगाए पीएम मोदी से मिलने जा रहे हैं।

LIVE: भारत दौरे पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू

भारत से आर्थिक मदद चाहता मालदीव

असल में भारत पहले ही मालदीव को 1.4 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद दे चुका है, वो सहायता वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और दूसरे विकास कार्यों के लिए थी। लेकिन अभी भी मालदीव पर संकट खत्म नहीं हुआ है, उसकी आर्थिक हालत पतल ही चल रही है, इस वजह से उसे और मदद की आस है। भारत के विदेश मंत्रालय ने अभी तक खुलकर इस बारे में नहीं बताया है कि किन मुद्दों पर चर्चा होने वाली है, लेकिन द्विपक्षीय बैठक में कई अहम फैसले संभव हैं।

IMF से भी पैसा मांगेगा मालदीव?

मालदीव के राष्ट्रपति टीवी इंटरव्यूज में यह जरूर कह रहे हैं कि उनका देश मदद के लिए IMF के पास नहीं जाने वाला है, उनके पास अपना एक तंत्र तैयार है जिसके दम पर देश को पटरी पर वापस लाया जा सकता है। अब जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान को जरूर आईएमएफ से बड़ी मदद मिली है, ऐसा कहा जा रहा था कि मालदीव को भी ऐसा करना पड़ सकता है। लेकिन अभी के लिए मुइज्जू इससे इनकार कर रहे हैं।

भारत पर क्यों इतना निर्भर मालदीव?

वैसे भारत पर तो कई मामलों में मालदीव निर्भर चल रहा है। उसका टूरिज्म सेक्टर तो भारत के पर्यटकों से चलता ही है, इसके ऊपर डिफेंस सेक्टर में भी उसके सैनिकों को परीक्षण भारत से ही मिल रहा है। वही 6.74 किलोमीटर लंबा ब्रिज मालदीव की राजधानी माले में भी भारत के पैसों से ही बना है। इंदिरा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल भी मालदीव में भारत की मदद से ही बनाया गया है। ऐसे में तमाम विवादों के बावजूद भी मालदीव, भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।